हिमाचल प्रदेश सीएम दफ्तर में क्लर्क लगवाने के नाम पर कैमरा विक्रेता से लाखों की ठगी, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमाया

ठग ने कैमरा विक्रेता नवदीप से 3.80 लाख रुपये ठगे हैं। आरोपित ने मुख्यमंत्री दफ्तर शिमला में क्लर्क की नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के रहने वाले ठग के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:12 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:12 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश सीएम दफ्तर में क्लर्क लगवाने के नाम पर कैमरा विक्रेता से लाखों की ठगी, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमाया
जालंधर के बशीरपुरा के रहने वाले नवदीप सिंह के साथ ठगी हुई है।

जालंधर [मनीष शर्मा]। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दफ्तर में क्लर्क लगवाने के नाम पर जालंधर के कैमरा विक्रेता से एक व्यक्ति ने 3.80 लाख रुपये ठग लिए। ठगी का पता जब चला जब उसने कैमरा विक्रेता को हिमाचल सरकार के कार्मिक विभाग का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। कैमरा विक्रेता उस पते पर पहुंचा तो उसे नौकरी तो दूर, दफ्तर के अंदर भी नहीं घुसने दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने हिमाचल के ऊना जिले के रहने वाले आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

जालंधर के बशीरपुरा में रेलवे कालोनी के रहने वाले नवदीप सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका कैमरे लगाने का कारोबार है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की तहसील बंगाणा डाकखाना तलमेड़ा गांव डीहर (खरोह) का रहने वाला मनाेज कुमार उनकी दुकान पर आया और कुछ कैमरे खरीदकर ले गया। बतौर ग्राहक वो उससे बातचीत करते रहते थे। इस दौरान मनोज ने कहा कि उसकी हिमाचल प्रदेश सरकार में अच्छी पहुंच है और मुख्यमंत्री से सीधा संपर्क है। वह हिमाचल के मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत कुमार को अच्छी तरह से जानता है और उससे बात कर मुख्यमंत्री दफ्तर, शिमला में क्लर्क की नौकरी लगवा देगा। इसके लिए चार लाख रुपये लगेंगे।

इसके लिए पहले उसने सितंबर, 2019 के दूसरे हफ्ते में 80 हजार रुपये ले लिए। फिर उसने बाकी पैसे लेने के लिए अपने साथियों के अकाउंट नंबर दे दिए। नवदीप ने साल 16 सितंबर, 2019 में जसकरन के खाते में 50 हजार, 17 सितंबर को आरोपित मनोज कुमार के खाते में 79 हजार, 20 सितंबर को विवेक के खाते में एक लाख रुपये डाले। इसके बाद 21 सितंबर को फिर विवेक के खाते में 45 हजार और अंत में 25 सितंबर को उसके घर  26 हजार रुपये नकद दिए। कुल 3.80 लाख रुपये लेने के बाद मनोज ने भरोसा दिलाया कि उसका काम जल्दी हो जाएगा। इसके बाद आरोपित ने उसे एक सरकारी पत्र दिखाया, जो 25 अक्टूबर 2019 का था और हिमाचल प्रदेश सरकार कार्मिक विभाग की तरफ से जारी था। उसने उसे एक हफ्ते के भीतर नौकरी ज्वाइन करने के लिए कहा था। पत्र में पूरी पे स्केल भी लिखी हुई थी।

इस पत्र को लेकर वो रोजाना मनोज को मिलते रहे लेकिन वह हर रोज टालता रहा। वह हिमाचल प्रदेश के सीएम दफ्तर में उसे दिए ज्वाइनिंग लेटर के पते पर गया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उसे दफ्तर के भीतर तक नहीं जाने दिया गया। मनोज से फोन पर बात करने पर उसने भरोसा दिलाया कि उसका काम हो जाएगा। बाद में पैसे वापस मांगे तो मनोज ने उन्हें एक चेक दिया। 50 हजार का यह चेक हिमाचल प्रदेश के तलमेड़ा स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच का था, जो बाउंस हो गया। उसने फिर डेढ़ लाख का चेक दिया तो वो भी बाउंस हो गया। फिर पैसे मांगे तो उसने गाली-गलौच शुरू कर दी।

पुलिस ने आरोपित मनोज से पूछताछ की तो उसने माना कि उसने नवदीप से साढ़े तीन लाख रुपये लिए हैं। उसने कहा कि वो 28 जनवरी, 2020 तक नवदीप को एक लाख रुपये वापस कर देगा आैर बाकी रकम भी तय समय में लौटा देगा लेकिन उसने पैसे वापस नहीं किए। इस मामले की जांच एडीसीपी इंवेस्टिगेशन ने की थी। अब पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

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