पंजाब को दहलाने की साजिश के खुलासे से हड़कंप, अमृतसर में युवक दो ग्रेनेड व पिस्ताैलों के साथ काबू
Hand Grenade at Amritsar पंंजा बके पठानकोट में आर्मी कैंप के गेट पर ग्रेनेड विस्फोट के बाद अब अमृतसर में दो ग्रेनेड बरामद हुए हैं। एक युवक को दो हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। इससे शहर में हड़कंप मच गया। युवक से दो पिस्ताैल भी मिली है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। पंजाब के पठानकोट में तीन दिन पहले सैन्य क्षेत्र के गेट के पास ग्रेनेड ब्लास्ट के बाद अब अमृतसर में दो ग्रेनेड मिलने से हड़कंप मच गया है। एक आतंकी को दो हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़ा़ गया है। उसके पास से दो पिस्तौलें भी मिली हैं। इनसे पंजाब में बड़ी आतंकी वारदात करने की साजिश थी। युवक से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। उसने बताया है कि कई धार्मिक स्थलों व सैन्य ठिकानों पर आतंकी हमले की साजिश थी। उसके पास से एक बुलेट मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया है। इस आतंकी के तार पठानकोट में हुए ग्रेनेड हमले के साथ जुड़े हो सकते हैं, फिलहाल पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए आतंकी की पहचान जिला तरनतारन के गांव सोहल के रहने वाले रणजीत सिंह के रूप में हुई है। वह सैन्य ठिकानों व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना चाहता था। पुलिस के स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) ने उसे गिरफ्तार करके पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया है।
पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे, धार्मिक स्थलों व सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की थी साजिश
जानकारी के अनुसार, प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि रंजीत सिंह की अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की साजिश थी l उधर, स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल के अलावा देश की अन्य जांच एजेंसियां ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर में रणजीत सिंह से पूछताछ कर रही हैl उसके अन्य साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि रणजीत के पास और कितने हैंड ग्रेनेड, विस्फोटक व पिस्तौलें पड़ी हुई हैंl
जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस की स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) ने अमृतसर में इस युवक को काबू किया। उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड और दो पिस्तौल बरामद किए गए । रणजीत सिंह के खिलाफ कोतवाली थाने में हेरीटेज स्ट्रीट में बुत तोड़ने के आरोप में भी पहले से केस दर्ज है।
रंजीत सिंह किस आतंकी संगठन से संबंध हैं इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस उससे पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस जगह पर आतंकी वारदात करने की साजिश थी और उसे हैंड ग्रेनेड व पिस्तौल कहां से मिली है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच कर रही है और युवक से पूछताछ कर पूरी साजिश का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि रविवार रात को पठानकोट के आर्मी कैंप के गेट के पास एक ग्रेनेड का धमाका हुआ था। इससे हड़कंप मच गया था। बताया गया कि बाइक पर आए दो युवकों ने ग्रेनेड फेंका था और इसके बाद फरार हो गए थेे।पूरे मामले की जांच की जा रही है। पठानकाेट ग्रेनेड धमाके की जांच स्टेट इंटेलिजेंस विंग और पंजाब पुलिस की टीमें कर रही हैं, लेकिन अभी इस मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की है और ग्रेनेड फेंकने वाले बाइक सवाराें का पता लगाने में जुटी हुई है।
'कौम के राखे' नाम से संस्था बनाकर एकत्र कर रहा था फंड, कई आतंकी संगठनों से जुड़े हैं तार
डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि रणजीत सिंह कुछ साल पहले गरम ख्याली संगठनों के साथ जुड़ा था। फिर वह खालिस्तान का समर्थन करने वाले लोगों के संपर्क में आया और उसके तार यूके सहित अन्य देशों में रह रहे आतंकी संगठनों से जुड़ गया। रणजीत ने कुछ समय पहले 'कौम के राखे' नाम से संस्था बनाई थी और फिर समाजसेवा के नाम पर आतंक फैलाने के लिए फंड एकत्र करने लगा। इस बात को लेकर पूछताछ जारी है कि यूके के अलावा वह कितने देशों में बसे आतंकियों के संपर्क में था और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसे फंडिंग कैसे की जा रही थी।
डीजीपी सहोता के अनुसार रणजीत ने बताया है कि उसे हैंड ग्रेनेड उपलब्ध करवाए गए थे। अब इस बात की जांच हो रही है कि यह ग्रेनेड व हथियार उसे दिए किसने थे। वहीं एसएसओसी के अधिकारियों के अनुसार रणजीत के साथ करीब एक दर्जन लोगों के जुड़े होने की संभावना है। उनकी तलाश छापामारी भी की जा रही है।
आतंकी हमले का अभी मिलना था आदेश
रणजीत को ग्रेनेड फेंकने के लिए आतंकी संगठनों की ओर से आने वाले दिनों में आदेश देकर बताया जाना था कि हमला कहां करना है। बंडाला क्षेत्र में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके बुलेट मोटरसाइकिल से मिले दस्तावेज भी जांचे जा रहे हैं, जबकि उसके मोबाइल की जांच भी की जा रही है।
हेरिटेज स्ट्रीट पर प्रतिमा तोड़ने वालों में भी शामिल था रणजीत
अधिकारियों के अनुसार रणजीत ने स्वीकार किया है कि 15 जनवरी, 2020 की रात को हेरिटेज स्ट्रीट पर लगी प्रतिमा तोड़ने के आरोप में जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया था, वह भी उनमें शामिल था।
कैंट और खासा के पास बढ़ाई गई सुरक्षा
रणजीत की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सैन्य क्षेत्र खासा और कैंट की सुरक्षा बढ़ा दी है। सारे शहर में नाकाबंदी कर वाहनों की चेकिंग की जा रही है।
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