जालंधर में एलकेसी टीसी ने करवाचौथ उत्सव रीति रिवाज कराया, मेहंदी प्रतियोगिता में गुरनीम ने पाया पहला स्थान

जालंधर में एलकेसी टीसी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ने करवा चौथ उत्सव 21-रीति रिवाज का आयोजन किया। त्योहार के रंग में रंगी छात्राओं ने अपने हाथों को मेहंदी के खूबसूरत और अनोखे डिजाइनों से सजाया। अंतरप्रीत कौर और डा. रूपिंदर सांपला कार्यक्रम की समन्वयक थीं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 04:53 PM (IST)
जालंधर में एलकेसी टीसी ने करवाचौथ उत्सव रीति रिवाज कराया, मेहंदी प्रतियोगिता में गुरनीम ने पाया पहला स्थान
जालंधर में एलकेसी टीसी की ओर से करवाचौथ उत्सव रीति रिवाज का आयोजन किया गया।

जासं, जालंधर। जालंधर में एलकेसी टीसी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ने करवा चौथ उत्सव 21-रीति रिवाज का आयोजन किया। इस अवसर पर मेहंदी, नाखून कला और थाली सजाओ प्रतियोगिताएं करवाई गई। जिसमें मैनेजमेंट, आईटी और इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। त्योहार के रंग में रंगी छात्राओं ने अपने हाथों को मेहंदी के खूबसूरत और अनोखे डिजाइनों से सजाया। अंतरप्रीत कौर और डा. रूपिंदर सांपला कार्यक्रम की समन्वयक थीं। डा. मनीषा धीर और डा. रितु रानी ने प्रतियोगिता को जज किया और विजेताओं की घोषणा की।

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मेहंदी प्रतियोगिता में गुरनीम एमबीए प्रथम वर्ष और दानिशा एमसीए प्रथम वर्ष नेपहला, अंजलि बीकाम तृतीयवर्ष ने दूसरा और जसलीन बीसीए प्रथम वर्ष ने तीसरा स्थान हासिल किया। इसी तरह से थाली प्रतियोगिता में तान्या बीसीए द्वितीय वर्ष और राधा एमबीए प्रथम वर्ष ने पहला स्थानप्राप्तकिया, मुस्कान एमबीए प्रथम वर्ष ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और रीतवर्मा एमबीए प्रथम वर्ष ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

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अकादमिक मामलों के डायरेक्टर सुखबीर सिंह चट्ठा  ने सभी विजेताओं को बधाई दी और सभी प्रतिभागियों और सांस्कृतिक समिति के समन्वयकों को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया। डिप्टी डायरेक्टर डा. आरएस देयोल और मैनेजेंट विभाग के एचओडी डा. इंद्रपाल सिंह ने इस महान आयोजन के लिए सभी सदस्यों और छात्रों के प्रयासों की सराहना की और विजेताओं को उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन ही संस्कृति के साथ विद्यारअथियों को जोड़े रखते हैं और उनकी कला में भी निरंतर निखार आता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ही यह आयोजन करवाए गए थे।

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