जालंधर का लद्देवाली रेलवे क्रासिंग आज शाम 6 बजे तक रहेगा बंद, जीएनडीयू व होशियारपुर जाने वाले इन रूटों का करें इस्तेमाल

इमरजेंसी ट्रैक रिपेयर के चलते जालंधर छावनी-सुच्ची पिंड रेलखंड पर स्थित लद्देवाली रेलवे क्रॉसिंग आज 10 घंटे के लिए बंद रखा जाएगा। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे से लद्देवाली क्षेत्र को जोड़ने वाली रेलवे क्रॉसिंग सुबह 8 से लेकर शाम 6 बजे तक बंद रखी जाएगी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:57 AM (IST)
जालंधर का लद्देवाली रेलवे क्रासिंग आज शाम 6 बजे तक रहेगा बंद, जीएनडीयू व होशियारपुर जाने वाले इन रूटों का करें इस्तेमाल
जालंधर में लद्देवाली रेलवे क्रासिंग आज 10 घंटे बंद रहेगा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जालंधर। इमरजेंसी ट्रैक रिपेयर के चलते जालंधर छावनी-सुच्ची पिंड रेलखंड पर स्थित लद्देवाली रेलवे क्रॉसिंग आज 10 घंटे के लिए बंद रखा जाएगा। रेलवे की तरफ से उपलब्ध करवाई गई जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे से लद्देवाली क्षेत्र को जोड़ने वाली रेलवे क्रॉसिंग सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बंद रखी जाएगी।

बता दें कि जिन लोगों ने लद्देवाली में जीएनडीयू कैंपस, आसपास की कॉलोनियों अथवा होशियारपुर रोड की तरफ जाना है, उन्हें अपना रूट बदलना होगा। रेलवे क्रासिंग बंद होने के कारण लोगों को लम्मा पिंड चौक से होशियारपुर रोड की तरफ जाना होगा। वहीं गांव ढड्डा की ओर से जाकर जीएनडीयू रीजनल कैंपस से रास्ता मिलेगा, वहीं से लोग रामामंडी की ओर भी जा सकेंगे।

इसी रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर ओवरब्रिज (आरओबी) बनाने का काम भी बीते फरवरी महीने से शुरू किया गया है। ओवरब्रिज बन जाने के बाद इस रेलवे क्रॉसिंग को यातायात के लिए बिल्कुल ही बंद कर दिया जाएगा। दोनों तरफ से आ रहे यातायात को रेलवे क्रॉसिंग तक पहुंच कर यू टर्न लेकर कर सर्विस रोड पर ही वापस मुड़ना होगा। साधारण दिनों में इस रेलखंड पर रोजाना सौ के लगभग गाड़ियों का आवागमन होता है। जिस वजह से दिन के अधिकतर समय में रेलवे क्रॉसिंग को बंद रखना पड़ता है।

रेलवे क्रॉसिंग बंद रहने से इलाका निवासियों को लंबा ट्रैफिक जाम झेलना पड़ता है, जिसमें कई बार मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस तक भी फंसी रहती है। पीडब्ल्यूडी की तरफ से इस आरओबी के निर्माण के लिए निजी कंपनी को 18 महीने की समय अवधि प्रदान की गई है। हालांकि इस दौरान भूमिगत सीवरेज शिफ्टिंग का भी बेहद पेचीदा काम किया जा रहा है, जो 18 महीने की समय अवधि से अलग रखा गया है।

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