जानें कौन हैं अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में पंजाब AAP में शामिल हुए कुंवर विजय प्रताप, सेवाकाल में रहे हमेशा चर्चाओं में

पंजाब के बहुचर्चित पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप (Kuwar Vijay Pratap) ने आम आदमी पार्टी की दामन थाम लिया है। सेवाकाल के दौरान कुंवर विजय प्रताप सिंह हमेशा चर्चाओं में रहे। रिटायरमेंट भी उन्होंने समय से पहले लिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 02:43 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:32 AM (IST)
जानें कौन हैं अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में पंजाब AAP में शामिल हुए कुंवर विजय प्रताप, सेवाकाल में रहे हमेशा चर्चाओं में
अमृतसर में आप में शामिल हुए कुंवर विजय प्रताप। जागरण

जेएनएन, अमृतसर। आम आदमी पार्टी में आज पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में शामिल हुए पंजाब के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप बहुचर्चित आइपीएस अफसर रहे हैं। राज्य में किडनी कांड का खुलासा उन्होंने ही किया था। इसके बाद पंजाब व आइपीएस लाबी में भी वह खूब चर्चा में आए थे। हाल ही में वह बेअदबी मामले में बनाई गई एसआइटी के प्रमुख भी रहे। हालांकि बाद में हाई कोर्ट द्वारा रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया।

कुंवर विजय प्रताप सिंह ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा सौंपा था। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा अस्वीकार कर दिया, पर कुंवर ने उन्हें इसके लिए मना लिया था। 1998 बैच के आइपीएस आफिसर कुंवर विजय के राजनीति में आने की चर्चाएं इस्तीफे के बाद से ही जारी थीं, पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से कभी इसे स्वीकार नहीं किया। वह लगातार आम आदमी पार्टी हाईकमान के संपर्क में थे।

दरअसल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े कोटकपुरा और बहिबल कलां मामले की जांच के प्रमुख कुंवर विजय पर मामले के आरोपित इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि इस मामले की जांच राजनीतिक संरक्षण में की जा रही है। कुंवर का रवैया भेदभावपूर्ण है। याचिकाकर्ता ने सिट से कुंवर विजय को हटाने की मांग की थी। कुंवर विजय प्रताप ने अपना जवाब दाखिल कर कहा था कि सभी आरोप निराधार हैं। जांच पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता से चल रही है। हालांकि अदालत ने कुंवर द्वारा तैयार रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट ने जांच से कुंवर विजय को हटाने का फैसला सुनाया। इस फैसले से नाराज कुंवर ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजकर समय से पहले रिटायरमेंट की मांग की थी।

रिकार्ड फरीदकोट में था, फैसला चंडीगढ़ में हो रहा था : कुंवर

कुंवर ने कहा कि कोर्ट का जो आदेश आया वह गैर संवैधानिक है। लीगल एक्सपर्ट की राय और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करूंगा। 23 साल की नौकरी में यह मेरी बेस्ट इन्वेस्टिगेशन थी। मुझे दुख और निराशा हुई कि मामले की रिपोर्ट फरीदकोट सेशन कोर्ट में थी और फैसला चंडीगढ़ में हो रहा था। हमारे सरकारी पक्ष के वकीलों ने यह भी उचित नहीं समझा कि रिपोर्ट चंडीगढ़ से मंगवा ली जाए। असल में सिस्टम ही बिगड़ चुका है, इसलिए मुझे इस्तीफा देना पड़ा। आज जरूरत है कि हर बच्चा राजनीति में आए। भ्रष्ट तंत्र को खत्म किया जाए।

यह है मामला

वर्ष 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर वाला गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब चोरी हुए। इसके बाद फरीदकोट के बरगाड़ी गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने फटे हुए मिले। कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट के बहिबल कलां में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में दो लोगों की मौत हो गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जांच कमीशन बनाया। 2017 में पंजाब में कांग्रेस सत्तासीन हुई। इसके बाद जांच के लिए सिट बनाई गई। इसका प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह को बनाया गया था।

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