तालाब है मगर सूखा, नहीं ठहरता एक बूंद पानी; यही बात दूर-दूर से लोगों को खींच लाती है जालंधर

किशनपुरा में बाबा बालकनाथ मंदिर के निकट स्थित सूखा तालाब का इतिहास बहुच रोचक है। मान्यता है कि इसे एक ऋषि ने श्राप देकर सुखा दिया था। कहते हैं बाढ़ का पानी इसकी ओर मोड़ने पर भी पानी यहां नहीं ठहरा और कुछ ही दिन में सूख गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 02:02 PM (IST)
तालाब है मगर सूखा, नहीं ठहरता एक बूंद पानी; यही बात दूर-दूर से लोगों को खींच लाती है जालंधर
माना जाता है कि जालंधर स्थित सूखा तालाब को एक ऋषि ने श्राप देकर सुखा दिया था।

जालंधर, प्रियंका सिंह। जालंधर शहर का इतिहास बहुत पुराना और रोचक है। शहर ने आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें हैं, जो देखने-सुनने वाले को अचंभित कर देती हैं। इन्हीं में से एक है किशनपुरा में बाबा बालकनाथ मंदिर के निकट स्थित सूखा तालाब। जितना सुंदर यह तालाब है, उतना ही रोचक है इसका इतिहास। इसका वर्णन पौराणिक कथाओं में भी है। कहते हैं श्राप की वजह से आज तक इस तालाब में पानी नहीं रुका। एक बूंद भी नहीं ठहरती है। इसीलिए इसे सूखा तालाब कहा जाता है। तालाब है पर सूखा, यही बात दूर दूर से लोगों को यहां खींच लाती है। 

सदियों पुराना है तालाब

यह तालाब सदियों से सूखा पड़ा है। इसमें चाहे कितना भी पानी भर दें लेकिन कभी एक बूंद भी नहीं ठहरती। एक बार किशनपुरा में बाढ़ आ गई थी तो स्थानीय लोगों ने बाढ़ का सारा पानी सूखे तालाब की तरफ मोड़ दिया था। सारा पानी कुछ ही समय में सूख गया था। तब किशनपुरा शहर के बाहर होता था। तलाब के सूखने के कारण यहां पर लोग कम ही आते थे। ‌

इस तरह पड़ा सूखा तालाब नाम

कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक साधु इस तालाब से पानी भरने आए थे। उनका कमंडल इस तालाब में गिर गया। उन्हें लगा कि किसी ने उनका अपमान किया है। क्रोधित होकर उन्होंने श्राप देकर तालाब का सारा पानी सुखा दिया। तब से लेकर आज तक तालाब सूखा ही रहता है। इसलिए इसका नाम सूखा तालाब पड़ा। 

आसपास बने हैं शिव मंदिर और जंज घर - लोगों का कहना है कि तीन दशक पहले जब तलाब की सेवा शुरू की गई तो धीरे-धीरे लोग जोड़ने लगे। तब कमेटी बनाकर यहां पर शिव मंदिर का निर्माण शुरू किया गया। उसके बाद बाबा बालक नाथ मंदिर और जंज घर भी बनाया गया। तालाब का सुंदरीकरण भी किया गया है। सूखे तालाब को पार्क में तब्दील कर दिया गया है। यहां पर लोग अब सुबह-शाम सैर करने आते हैं। 

तालाब में लगती है योग क्लास

स्थानीय लोगों ने बहुत ही उत्साह और समर्पण के साथ सूखे तालाब की सेवा की। इसके फलस्वरूप आज इसके आसपास विशाल मंदिर और जंज घर बने हुए हैं। लोग सेहतमंद रहने के लिए यहां पर रोज सुबह-शाम योग करने आते हैं। यहां योग क्लास भी लगाई जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

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