'किराए की कोख' के नाम पर खेला जा रहा बच्चे बेचने का खेल, पंजाब भर में जुड़े हैं तार Jalandhar News

गरीब महिलाओं को पैसों के लालच में किराए की कोख देने के लिए राजी किया जा रहा था। जिन अमीरों के बच्चा नहीं होता था उनसे मोटी रकम लेकर बच्चा उनको दे दिया जाता था।

By Edited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 08:24 PM (IST) Updated:Sun, 18 Aug 2019 10:18 AM (IST)
'किराए की कोख' के नाम पर खेला जा रहा बच्चे बेचने का खेल, पंजाब भर में जुड़े हैं तार Jalandhar News
'किराए की कोख' के नाम पर खेला जा रहा बच्चे बेचने का खेल, पंजाब भर में जुड़े हैं तार Jalandhar News

जालंधर, [सुक्रांत]। फेयर फार्म के पास से बच्चे का अपहरण करने का मामला काफी सनसनीखेज खुलासे कर गया। बच्चों को बेचे जाने की कहानी सिर्फ जालंधर में ही नहीं बल्कि पंजाब के और शहरों से भी जुड़ सकती है। जिस गिरोह का खुलासा हुआ है उसका मास्टरमाइंड कपूरथला का रहने वाला तिलक राज और उसकी पत्नी राजविंदर कौर उर्फ ज्योति हैं। गिरफ्तार हुई मंजीत कौर उर्फ मंजू और बलविंदर कौर तो सिर्फ गिरोह के लिए काम कर रहे थे।

सबसे बड़ा खुलासा हुआ है कि बच्चों को बेचने का खेल किराए की कोख देने के नाम पर खेला जा रहा था। गरीब परिवारों की महिलाओं को पैसों के लालच में बहलाफुसला कर उनको किराए की कोख देने के लिए राजी किया जा रहा था। जिन अमीरों के बच्चा नहीं होता था, उनसे मोटी रकम लेकर बच्चा उनको दे दिया जाता था और उस मोटी रकम का एक हिस्सा किराए की कोख देने वाली महिला को दिया जाता था। किराए की कोख का धंधा मंजीत कौर मंजू के साथ-साथ बलविंदर कौर और बलजिंदर कौर भी चलाती थी। ज्योति और तिलक राज ग्राहक ढूंढने का काम करते थे। फौजी करमजीत और उसकी पत्नी को बच्चा देने के लिए किराए की कोख ढूंढी जा रही थी। न मिलने पर ज्योति ने मंजू से संपर्क किया। मंजू को पता था कि चंदा गर्भवती है, जिसके बारे में उसने ज्योति को बताया। ज्योति ने चंदा से बात की लेकिन बात न बनने पर अपहरण की साजिश रच दी गई थी। गिरफ्तार मंजू और बलविंदर कौर से पुलिस को फिलहाल इतनी जानकारी मिली है कि अपहरण के लिए आए बाइक सवार तिलक और सुखराज हो सकते हैं।

पैसों के लालच से भी नहीं डोली थी मां की ममता
चंदा को जब आठ महीने पहले गर्भ में पल रहे बच्चे को बेचने की बात कही गई तो अच्छी खासी रकम का लालच दिया गया था। गरीबी की मार झेल रही चंदा ने बताया कि उसे डेढ़ लाख रुपये का लालच दिया गया था लेकिन उसकी ममता नहीं डोली। उसने सीधा मना कर दिया था।

कोख से अंडे लेने के लिए भी दिए जाते थे 20 हजार रुपये
जांच में यह भी सामने आया है कि जो महिला किसी कारण वश गर्भधारण नहीं कर पाती, उसको किसी दूसरी महिला की कोख से अंडे लेकर उसकी कोख भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके बदले में अंडे देने वाली महिला को 20 हजार रुपये दिए जाते थे।

पंजाब भर में ढूंढता था गरीब घरों की गर्भवती महिलाएं
मंजू और बलविंदर कौर की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई कि यह गिरोह काफी समय से काम कर रहा था। जानकारी के मुताबिक तिलक राज और उसकी पत्नी ज्योति गिरोह के साथ पंजाब के कई शहरों में गरीब गर्भवती महिलाओं को ढूंढते और उनको बच्चा बेचने के लिए राजी करते। हालांकि इस मामले को लेकर पुलिस ने कोई आधिकारिक पुष्टि तो नहीं लेकिन तिलक राज और ज्योति की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और खुलासे होनी की बात कही है। इस गिरोह के सदस्य दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल में भी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

फौजी से पैसे लेकर बांट लिए थे सभी ने आपस में
मंजू और बलविंदर कौर ने बच्चा उठाया और ब¨ठडा में पहुंच गई। वहां पर गिरोह के बाकी सदस्य मिले और उन्होंने बच्चा फौजी को सौंप दिया। फौजी ने उनको पैसे दे दिए और साथ ही कहा कि वह वह बच्चे के परिजनों को बुला लें ताकि कानूनन कार्रवाई की जा सके। मंजू ने बताया कि फौजी को कह दिया गया था कि बच्चे के माता पिता शादी समारोह में व्यस्त हैं और एक दो दिन में आकर काम पूरा करेंगे। दो दिन बाद ज्योति और तिलक राज ने आकर सारी स्थिति संभालनी थी। पैसे ज्योति पहले ही ले गई थी जिसमें से दो लाख रुपये उसने अपने पास रखे थे, एक लाख सुखराज को दिया गया था। मंजू और बल¨वदर कौर को पांच पांच हजार रुपये दिए गए थे, जो उनसे बरामद हो गए हैं।
 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

chat bot
आपका साथी