आतंकी हमले की शिकार बस चला रहे जैमल सिंह की शहादत की खबर सुन साथियों की आंखें हुईं नम

पुलवामा में जिस सीआरपीएफ की बस पर आतंकी ने हमला किया उसे सीआरपीएफ कैंप सरायखास के जैमल सिंह चला रहे थे। उनकी पत्नी सुखजीत कौर कैंप के क्वार्टर में रहती हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 10:56 AM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 10:56 AM (IST)
आतंकी हमले की शिकार बस चला रहे जैमल सिंह की शहादत की खबर सुन साथियों की आंखें हुईं नम
आतंकी हमले की शिकार बस चला रहे जैमल सिंह की शहादत की खबर सुन साथियों की आंखें हुईं नम

संवाद सहयोगी, करतारपुर। वीरवार को जम्मू-कश्मीर के जिला पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की खबर मिलते ही सीआरपीएफ कैंप सरायखास करतारपुर में शोक की लहर दौड़ गई। बातें करते जवानों की आंखें भी नम हो रही थी। इस हमले में सीआरपीएफ कैंप सरायखास के जैमल सिंह, जो बस चला रहे थे, भी शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी सुखजीत कौर व इकलौता बेटा कैंप के क्वार्टर में रह रहे हैं। जैसे ही जैमल सिंह के शहीद होने की सूचना मिली, पत्नी सुखजीत कौर बेहोश हो गई। सुखजीत ने सरकार से शहीद हुए जवानों का बदला लेने की बात कही।

इस बीच कैंप में मौजूद अधिकारियों व जवानों ने घर पहुंच परिवार को हौसला दिया। शादी के 17 वर्ष बाद पैदा हुआ था बेटाः शहीद हुए जैमल सिंह की शादी अक्टूबर 1996 में हुई थी। शादी के 17 साल बाद 2013 में उन्हें बेटा पैदा हुआ था। जैमल की एक बहन शादीशुदा है और भाई मलेशिया में है।

मोगा में होगा अंतिम संस्कार

शहीद का पार्थिव शरीर उनके गृह निवास जिला मोगा में आएगा। उनकी पत्नी सपरिवार अपने गृह निवास के लिए प्रस्थान कर गई हैं।

हर चुनौती के लिए तैयार रहें सैनिक

दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान डीआइजी दर्शन लाल गोला ने कहा कि घटना के बाद आतंकवाद को कुचलने के हमारे इरादे और बुलंद हुए हैं। उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते कहा कि बल का हर सदस्य इस घटना से सीख लेते हुए स्वयं को और मजबूत करे और खुद को हर चुनौती के लिए तैयार रखे। गोला ने शहीद जैमल सिंह की पत्नी को सांत्वना दी।

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