जालंधर में कारगिल शहीद की पत्नी की कोरोना से मौत, अस्पताल पर शव न देने का आरोप

जालंधर के नकोदर रोड स्थित मान मेडिसिटी अस्पताल में कारगिल के शहीद की पत्नी की कोरोना से मौत होने के बाद स्वजनों ने शव न देने का आरोप लगा अस्पताल के बाहर हंगामा किया। मौके पर पुलिस ने पहुंच मामला शांत किया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:15 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 11:15 AM (IST)
जालंधर में कारगिल शहीद की पत्नी की कोरोना से मौत, अस्पताल पर शव न देने का आरोप
कारगिल के शहीद की पत्नी की कोरोना से मौत होने के बाद स्वजनों ने शव न देने का आरोप लगाया।

जालंधर, जेएनएन। पिछले पांच दिन में कोरोना के मरीजों की मौत के बाद तीन अस्पतालों में हंगामा हो चुका है। रविवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। नकोदर रोड स्थित मान मेडिसिटी अस्पताल में कारगिल के शहीद की पत्नी की कोरोना से मौत होने के बाद स्वजनों ने शव न देने का आरोप लगा अस्पताल के बाहर हंगामा किया। मौके पर पुलिस ने पहुंच मामला शांत किया। वहीं अस्पताल ने एक्स सर्विसमैन हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) का मरीज होने की वजह से सरकारी कार्रवाई पूरी करने के बाद शव स्वजनों को सौंपने की बात कही है।

रविवार को होशियारपुर के कस्बा मुकेरिया निवासी प्रदीप ने बताया कि करीब एक माह पहले उनकी मां राज कुमारी की तबीयत खराब होने के बाद मान मेडिसिटी अस्पताल में दाखिल करवाया था। उसने बताया कि उसके पिता अशोक कुमार कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गए थे। उनका आरोप था कि अस्पताल ने मां के टेस्ट करवाए, परंतु उन्हें रिपोर्ट नहीं दी। आरोप है कि मरीज के ठीक होने के बाद उसे बीपी व दस्त लगने पर उनका कोरोना वार्ड में ही इलाज किया गया। रविवार सुबह उनकी माता की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन शव देने में आनाकानी करने लगा। प्रदीप ने अस्पताल के सुरक्षा कर्मी पर दुव्र्यवहार करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने अस्पताल पर ईसीएचएस कोटे में आए टीके दूसरे मरीजों को देने के आरोप लगाए। इसके बाद वहां पुलिस पहुंची। इस दौरान मरीज के स्वजनों व पुलिस में भी बहस हुई।

अस्पताल में बिना मास्क व दस्तानों के घूमता है स्टाफ : प्रदीप

प्रदीप ने अस्पताल में पीपीई किट की बिक्री में घालमेल सहित स्टाफ पर बिना मास्क व दस्ताने के घूमने के आरोप लगाए। इससे दूसरे लोगों को भी कोरोना होने के खतरा रहता है।

सभी आरोप बेबुनियाद, ईसीएचएस के मरीज के कारण कागजी कार्रवाई में लगा समय : डा. जेएस मान

अस्पताल के डा. जेएस मान का कहना है कि 29 दिन से मरीज का इलाज चल रहा था। शनिवार देर रात उनकी आक्सीजन सेच्यूरेशन कम हो गई और हार्ट अटैक हो गया। मरीज को तुरंत वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया, परंतु डाक्टरों के प्रयास के बावजूद उन्हें बचा नहीं पाए। उन्होंने तमाम आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा कि मरीज के बारे में ईसीएचएस व सेहत विभाग को सूचित करना पड़ता है। कागजी कार्रवाई में समय लगता है। सेहत विभाग की नीतियों के अनुसार शव को पैक कर स्वजनों को सौंपा गया। इस बाबत मरीज के स्वजनों को पहले ही सूचित किया गया था।

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