धान व मक्की की फसलों के लिए वरदान साबित होगी जून की बारिश, किसानों के चेहरे खिले

जून माह में ओलावृष्टि और बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होगी। कृषि माहिर बारिश को फसलों के लिए लाभदायक बता रहे है। बारिश होने पर किसानों के चेहरे भी खिलने लगे है। हालांकि खरबूजे की मिठास को कम करेगी।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:50 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:50 AM (IST)
धान व मक्की की फसलों के लिए वरदान साबित होगी जून की बारिश, किसानों के चेहरे खिले
जून माह में बारिश होने पर किसानों के चेहरे भी खिलने लगे है।

जालंधर, जेएनएन। जून माह में ओलावृष्टि और बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। वहीं फसलों के लिए वरदान साबित होगी। कृषि माहिर बारिश को फसलों के लिए लाभदायक बता रहे है। बारिश होने पर किसानों के चेहरे भी खिलने लगे है। हालांकि खरबूजे की मिठास को कम करेगी।

कृषि अधिकारी डा. नरेश गुलाटी ने बारिश को धान की फसल के लिए लाभदायक बताया है। उन्होंने सीधी बिजाई का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। इन दिनों होने वाली बारिश सीधी बिजाई वालों को इस समय पानी की जरूरत जो बारिश पूरा कर रही है। हालांकि जिन्होंने देरी से सीधी बिजाई की है उनके लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है। इनकी संख्या बहुत ही कम है। वहीं 10 जून से धान की बिजाई का काम शुरू हो चुका है। इस दौरान खेत में पानी खड़ा करने की जरूरत है। बारिश की वजह से उन्हें थोड़ी सहायता मिली है। वहीं धान की पनीरी व धान लगाने के लिए खेत में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत इन दिनों में है। बारिश की वजह से 25 फीसदी तक पानी की जरूरत पूरी हो गई है।

डा. गुलाटी ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश मक्की की खेती के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। हालांकि मक्की खेतों में तैयार खड़ी है। जिले में 1.71 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई होगी। करीब 4500 हेक्टेयर रकबे में मक्की की फसल खड़ी है। आने वाले दिनों में 6500 हेक्टेयर रकबे में मक्की लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

बारिश से कम हुई खरबूजे की मिठास

नूरमहल के किसान संदीप शर्मा का कहना है कि खरबूजे की फसल तकरीबन अंतिम चरण में है। खेतों में खरबूजा 90 फीसदी ज्यादा मंडी में जा चुका है। जो बचा है बारिश से उसकी मिठास कम हो जाएगी। भोगपुर के किसान अमरजीत सिंह का कहना है कि बारिश की शुरूआत धान की खेती के लिए फायदेमंद है। बारिश होने से बिजली की खपत कम होगी। इसके साथ पानी लगाने के लिए ट्यूबवैल कम चलेंगे और धरती में जल स्तर भी प्रभावित नही होगा। इससे किसानों को आर्थिक लाभ होने की भी संभावना है। वहीं डा. तरसेम लाल का कहना है कि बारिश होने से हवा में अटके प्रदूषित कण धरती पर गिर गए है। इस वजह से एलर्जी से होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी। हालांकि कोरोना काल में सभी को एहतियात बरतने की जरूरत है।

chat bot
आपका साथी