Jammu Kashmir Encounter: आतंकियों से लड़ते कपूरथला के नायब सूबेदार जसविंदर शहीद, मां बोली- देश पर कुर्बान हो गया मेरा शेर बेटा
Jammu Terrorist Encounter पुंछ में सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में कपूरथला के रहने वाले नायब सूबेदार जसविंदर सिंह ने भी देश पर जान कुर्बान की है। सिख इनफेंटरी के यूनिट चार में तैनात रहे जसविंदर की मां मनजीत कौर को अपने बेटे की शहादत पर नाज है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, माना तलवंडी (कपूरथला)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में कपूरथला के रहने वाले नायब सूबेदार जसविंदर सिंह ने भी देश पर जान कुर्बान की है। जसविंदर सिंह के शहीद होने की खबर सुनते हैं इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सिख इनफेंटरी के यूनिट चार में तैनात जसविंदर की मां मनजीत कौर को अपने बेटे की शहादत पर नाज है। बेटे के गम में वह बेसुध हो जाती हैं। होश आने पर वह कहती है कि मेरा साहबी देश लई कुर्बान हो गया। देश लई कुर्बानी देकर अपने बाप ते भरा दी इज्जत नू चार चन्न ला गया मेरा शेर पुत।
शहीद जवानों में तीन पंजाब के रहने वाले
सोमवार को आतंकियों के साथ एनकाउंटर में पांच जवान शहीद हुए हैं। इनमें जसविंदर सिंह सहित तीन पंजाब के रहने वाले हैं। बटाला के नायक मनदीप सिंह और रोपड़ के सिपाही गज्जन सिंह ने भी शहादत का जाम पिया है। उधर, एसजीपीसी की प्रधान बीबी जगीर कौर ने शहीद के परिवार साथ संवेदना व्यक्त की है।
परिवार से मिली देश सेवा की प्रेरणा, पिता थे सेना में कैप्टन
जसविंदर को अपने परिवार से ही देश सेवा की प्रेरणा मिली थी। गांव माना तलवंडी के रहने वाले जसविंदर के पिता भी भारतीय सेना में कैप्टन थे। उनका बड़ा भाई रजिंदर सिंह भी नायब सूबेदार की रैंक से सेवानिवृत हुए हैं। शहीद जसविंदर सिंह के पिता कैप्टन हरभजन सिंह का एक महीने पहले ही बीमारी के चलते निधन हुआ है।जसविंदर सिंह के परिवार पास कुछ जमीन भी है। बड़े भाई रजिंदर सिंह का कहना है कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है। उसने देश के प्रति अपना दायित्व बहादुरी से निभाया। दोस्त कुंदन सिंह कहते है कि जसविंदर सिंह बेहद मिलनसार था। गांव के युवाओं को भी वह सेना में भर्ती होने की सलाह देता रहता था।
पत्नी और दो बच्चों से छिन गया सहारा
जसविंदर सिंह 14 साल पहले सुखप्रीत कौर के साथ शादी हुई थी। नायब सूबेदार जसविंदर सिंह उर्फ साहबी की शहादत से 11 साल की बेटी हरनूर कौर और 13 वर्षीय बेटे विक्रमजीत सिंह के सिर से पिता का साया उठ गया है। 35 साल की सुखप्रीत कौर को यकीन ही नही हो रहा कि उसका पति शहीद हो गया होगा। विलाप करते हुए वह कहती है कि उसका साहिब तो जल्द ही घर आएगा और वह अपने परिवार के साथ जम्मू कश्मीर में घूमने के लिए जाएगी।
यह भी पढ़ें - Jammu Kashmir Encounter: आतंकियों से मुठभेड़ में बटाला के सैनिक मनदीप शहीद, 1 महीने के बेटे के सिर से उठा पिता का साया