कोई डालेगा वोट तो कोई होगा शादी में शामिल, कोरोना के डर से नहीं हो रहा जालंधर से श्रमिकों का पलायन

उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चुनावी गतिविधियां जारी हैं। जालंधर में रह रहे इन राज्यों से संबंधित लोग वोट डालने के लिए ही अपने गृह राज्यों को वापस लौट रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक-दो साल बाद घर लौटर रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 10:59 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 10:59 AM (IST)
कोई डालेगा वोट तो कोई होगा शादी में शामिल, कोरोना के डर से नहीं हो रहा जालंधर से श्रमिकों का पलायन
जालंधर के उद्यमियों का कहना है कि इन दिनों श्रमिकों का घर लौटना आम बात है।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। कोई अपने गृह राज्य में होने जा रहे चुनाव में वोट डाल आएगा तो कोई रिश्तेदारी में हो रही शादी में शामिल होगा। पिछले कुछ दिन से जालंधर में रोजगार के सिलसिले में रह रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के लोगों को घरवापसी करते देखा जा रहा है। अटकलें लगाई जा रही थी कि शायद श्रमिक तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के डर से गृहराज्य लौट रहे हैं। सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने पहुंचे श्रमिकों एवं उद्योगपतियों से बात करने के बाद यह सच्चाई सामने आ रही है कि कोरोना वायरस की दहशत तो जरूर है, लेकिन संक्रमण के डर से श्रमिकों की घरवापसी नहीं हो रही है।

उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चुनावी गतिविधियां जारी हैं। जालंधर में रह रहे इन राज्यों से संबंधित लोग वोट डालने के लिए ही अपने गृह राज्यों को वापस लौट रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पिछले वर्ष लॉकडाउन के चलते घर नहीं जा सके थे और अब परिवार में हो रहे शादी समारोह में शामिल होने के लिए गृह राज्यों की ट्रेन पकड़ रहे हैं। जालंधर के उद्योगपतियों ने भी होली के बाद श्रमिकों के अपने गृह राज्यों को हो रहे आवागमन को वार्षिक गतिविधि बताया है।

उद्योग नगर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, गदईपुर के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह भसीन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष होली के बाद श्रमिक उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल आदि राज्यों को जाते ही हैं। पिछले वर्ष लॉकडाउन की वजह से श्रमिक नहीं जा पाए थे। अब रेलगाड़ियों वगैरह का आवागमन शुरू हो चुका है और परिवार में हो रहे शादी समारोह में भाग लेने के लिए श्रमिक जा रहे हैं। तेजिंदर सिंह भसीन इस बात से इनकार किया कि कोरोना वायरस संक्रमण के डर से श्रमिक लौटने लगे हैं।

सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे रमेश मंडल ने कहा कि दो वर्ष से घर नहीं जा पाए थे। अब बच्चों की परीक्षाएं हो गई हैं और रिजल्ट आ गए हैं। इस वजह से अब छुट्टी लेकर घर जा रहे हैं। रमाकांत सहाय ने कहा कि कुछ ही दिनों में उनके गांव में चुनाव होने हैं। बार-बार गांव से संदेश आ रहे थे कि वोट डालने के लिए हर हाल में पहुंचें। इस कारण वह घर जा रहे हैं। ऐसे में वोट भी डाल देंगे और परिजनों से मिल भी लेंगे। उन्होंने कहा कि एक ही छुट्टी में सारा कुछ हो जाएगा। वोट भी डाल देंगे, बच्चे गांव भी घूम लेंगे और कुछ दिन परिजनों के साथ बिता भी लेंगे।

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