Jalandhar Weather Forecast : जालंधर में मौसम सुहावना, बुधवार को बारिश की संभावना
Jalandhar Weather Forecast जालंधर में मंगलवार को सुबह की शुरुआत ठंडी हवाओं के साथ हुई। जिसके तहत अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज होगा। हालांकि अगले दो दिनों तक मौसम सुहावना बना रहने के साथ-साथ गर्मी से राहत मिलती रहेगी।
जालंधर, जेएनएन। पिछले सप्ताह तापमान में गिरावट के चलते मंगलवार को भी सुबह की शुरुआत ठंडी हवाओं के साथ हुई। जिसके तहत अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज होगा। हालांकि, अगले दो दिनों तक मौसम सुहावना बना रहने के साथ-साथ गर्मी से राहत मिलती रहने के संकेत मौसम विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही पंजाब में मानसून की एंट्री के साथ मंगलवार और बुधवार को बारिश की संभावना प्रबल है।
बीते सप्ताह के अंतिम पड़ाव में तेज आंधी, बारिश व ओलावृष्टि ने गर्मी की मार झेल रहे लोगों को राहत दे दी थी। जिसका असर आगामी कई दिनों तक रहा। इस बीच मानसून के दस्तक देने के बाद अब गर्मी से राहत की उम्मीद बढ़ गई है। उधर मौसम विभाग द्वारा आने वाले दो दिनों तक मौसम यथावत रहने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही तड़के व रात को तापमान में गिरावट से ठंड महसूस होने के संकेत भी दिए जा रहे है। मौसम माहिर डॉक्टर विनीत शर्मा के मुताबिक मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सचेत रहना चाहिए।
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जालंधर। समय से पहले पहुंचे मानसून ने नगर निगम की सिरदर्दी बढ़ा दी है। नगर निगम ने अभी तक बरसात के पानी से निपटने का इंतजाम नहीं किया और जो प्लानिंग की थी, उस पर 80 प्रतिशत काम अभी होना था। अमूमन जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते ही मानसून पंजाब में सक्रिय होता है, ऐसे में नगर निगम जून के आखिरी 20 दिन में ही रोड गलियों और सीवरेज की सफाई पर जोर देता है। इस बार ऐसा नहीं हुआ और मानसून दो सप्ताह पहले ही पंजाब पहुंच गया।
13 जून को मानसून की पहली बरसात हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में लगातार बरसात जारी रहने की उम्मीद है। बरसात से किसानों को तो लाभ मिल रहा है लेकिन शहरों में हालात बिगड़ सकते हैं। लोगों को जलभराव परेशान कर सकता है। खासकर स्लम आबादियों और बस्तियों में जलभराव से लोग परेशान होंगे। शहर में अभी कई सड़कों को सरफेस वाटर, बरसाती सीवरेज, वाटर सप्लाई लाइन के लिए खोदा गया है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के कारण कई सड़कों का निर्माण भी रोका गया है। निगम ने अभी तक फ्लड कंट्रोल सेंटर भी नहीं बनाया। निचले इलाकों में जलभराव से निपटने के लिए टीमों की भी तैनाती नहीं की है।