जालंधर में टीचर एंड अदर्स इम्प्लाइज यूनियन की मांग, एडिड स्कूलों में भी लागू हों सरकारी स्कूलों की स्कीमें

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल टीचर एंड अदर्स इम्प्लाइज यूनियन की जिला इकाई ने साईंदास स्कूल पटेल चौक में मीटिंग की। यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से एडिड स्कूलों के विद्यार्थियों और कर्मचारियों के साथ भेदभाव किए जा रहे हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:38 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:38 PM (IST)
जालंधर में टीचर एंड अदर्स इम्प्लाइज यूनियन की मांग, एडिड स्कूलों में भी लागू हों सरकारी स्कूलों की स्कीमें
साईंदास स्कूल में बैठक के दौरान टीचर एंड अदर्स इम्प्लाइज यूनियन के सदस्य।

जासं, जालंधर। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल टीचर एंड अदर्स इम्प्लाइज यूनियन की जिला इकाई ने साईंदास स्कूल पटेल चौक में मीटिंग की। जिसमें एडिड स्कूलों के अध्यापकों व कर्मचारियों को आने वाली दिक्कतों पर चर्चा की गई। प्रधान अरविंद कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से एडिड स्कूलों के विद्यार्थियों और कर्मचारियों के साथ भेदभाव किए जा रहे हैं। जो की बेहद चिंताजनक है, क्योंकि इन स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों की तरह सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। न ही इन स्कूलों के विद्यार्थियों को निश्शुल्क वर्दियां दी जा रही हैं न ही निश्शुल्क मोबाइल फोन और न ही साइकिल।

यही नहीं इन स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को मैरिटोरियस स्कूलों में दाखिले से भी वंचित रखा जा रहा है। सरकार के आगे कई बार मांगें रखी गई, मगर हमेशा की तरह एडिड स्कूलों और उनके विद्यार्थियों व स्टाफ को नजर अंदाज ही किया गया। जिसमें 4-9-14 साल के हिसाब से तरक्की, मोबाइल भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि मेडिकल भत्ती भी सरकारी कर्मचारी से कम ही दिया जा रहा है। यूनियन ने सरकार से मांग की है कि इन स्कूलों में सरकारी स्कूलों की तरह छठे पे कमिश्न की रिपोर्ट लागू की जाए और इन स्कूलों के कर्मचारियों को स्कूल से स्कूल तबादला नीति को भी मंजूरी दी जाए। राज्य में साक्षरता लाने के लिए पंजाब के यूथ को सही दिशआ देने में इन स्कूलों का विशेष ध्यान रखते हुए सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करे।

इस मौके पर जिला सचिव नरिंदर पाल सिंह कंग, वरिष्ठ उपप्रधान प्रिंसिपल दीपक सन्नन, प्रिंसिपल राकेश कुमार, प्रेस सचिव धर्मेंदर वर्मा, कैशियर सुरेश कुमार, प्रिंसिपल जसदीप मोहन, प्रिंसिपल स्वतंत्र कुमार, प्रिंसिपल गुरिंदरजीत कौर, गुरजीत सिंह, प्रिंसिपल वरिंदर कौर, राजेश कुमार, मनजिंदरपाल सिंह आदि मौजूद थे।

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