स्मार्ट सिटी : पांच साल में चले सिर्फ पांच कदम
शहरों में विकास की गति तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने जून 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा की।
शहरों में विकास की गति तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने जून 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा की। एक साल बाद यानी 2016 में ही जालंधर भी पहले 100 स्मार्ट सिटी की प्लानिग लिस्ट में शामिल हो गया। प्रोजेक्ट को करीब पांच साल हो गए लेकिन अभी पांच फीसद काम ही हो पाया। पांच साल तक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्लानिग और पेपर वर्क तो खूब हुआ लेकिन ग्राउंड लेवल पर नतीजा दिखा नहीं। जो काम चल रहे हैं उसके में से कई कार्यो की क्वालिटी और करप्शन को लेकर पंजाब में विपक्षी दल भाजपा, अकाली दल और आप के निशाने पर है। चूंकि यह प्रोजेक्ट केंद्र की भाजपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए भाजपा को मोर्चा खोलने का मौका मिल गया। कई प्रोजेक्ट तो खुद कांग्रेस के निशाने पर हैं ऐसे में 8 से भी कम महीने बाद होने वाले चुनाव में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का स्थानीय लेवल पर एक बड़ा मुद्दा बनना तय है।
रिपोर्ट : जगजीत सिंह सुशांत। -5 फीसद काम ही हो पाया अभी तक पूरा
-10 साल और लग जाएंगे स्मार्ट सिटी बनने पर, काम में तेजी न लाई गई तो
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-938 करोड़ के कुल प्रोजेक्ट
-45 करोड़ के ही पूरे हुए
-414 करोड़ के 21 काम चल रहे।
-91 करोड़ के टेंडर लगे
-388 करोड़ का काम प्लानिग में
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10 ये काम हुए पूरे, अधिकतर असरदार नहीं - 2 रोड स्वीपिग मशीन खरीदी (नतीजा असरदार नहीं)
- 140 स्कूलों में स्मार्ट ई-क्लास बनाई
- शहर में दिशा एवं मार्ग सूचक बोर्ड लगाए
- 26 सरकारी इमारतों पर रुफ टॉप सोलर पैनल लगाए। (बिजली की पैदावर अभी शुरू नहीं हुई)
- रेलवे स्टेशन की फेस लिफ्टिग, फुट ओवर बिज, (ग्राउंड लेवल पर अभी काम पूरा नहीं)
- 18 प्लास्टिक बॉटल क्रशिग मशीन
- 76 सैनेटरी नेपकिन वेंडिग मशीन
- जेटिग कम सक्शन मशीन
- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की बिल्डिंग बनाई
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21 काम चल रहे : 414 करोड़
- 50 सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेसिग सिस्टम
- सरफेस वार्टर प्रोजेक्ट
- एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट
-120 फुट रोड पर बरसाती सीवर
- 11 चौक का सुंदरीकरण
- सिटी लेवल डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट
- 6 पार्क और 3 फ्लाईओवर्स के नीचे ग्रीन एरिया
- नहर का सुंदरीकरण
- रैणक बाजार में तारों की डक्टिग
- सीएंडडी वेस्ट प्लांट
- गुरु नानक देव लाइब्रेरी की डिजीटलाइजेशन दो हिस्सों में
-अर्बन एस्टेट की सड़क
- वरियाणा डंप से कूड़ा खत्म करने के लिए बायोमाइनिग प्रोजेक्ट
- शहर की पांच सड़कों को स्मार्ट रोड बनाना -------- 16 टेंडर प्रोसेस में : 91 करोड़
- बर्ल्टन पार्क में स्पोर्टस कंप्लेक्स
- ट्रैफिक मैनेजमेंट और फुटपाथ
- पार्कों को सुंदरीकरण
- यूआईडी नंबर प्लेट्स
- काला संघिया ड्रेन में सफाई के लिए पोकलेन मशीन व अन्य छोटे प्रोजेक्ट
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12 डीपीअर एंड प्लानिग स्तर पर : 388
- शहर में कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट
- गुरु नानकपुरा, गढ़ा रोड पर रेल ओवर बिज
- स्ट्रीट वेंडिग जोन
- आंगनबाड़ी सेंटरों का विकास
- सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किए पानी का रियूज करो का प्रोजेक्ट
- काला संघिया ड्रेन का सुंदरीकरण
- ग्रीन एरिया डेवलपमेंट
- फुटबाल चौक से गाखल पुली तक स्मार्ट रोड
- साइकिल ट्रैक
- सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कंपलेक्टर्स
- सुभाना में रेल अंडरब्रिज
---------- भाजपा खोल चुकी है मोर्चा, कांग्रेसी भी खुश नहीं
स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब सरकार और नगर निगम विपक्षी दलों के निशाने पर आ चुके हैं। भाजपा और अकाली दल इसके खिलाफ लगातार मोर्चा खोलते आ रहे हैं और आने वाले दिनों में यह मामला और भड़केगा। भाजपा नेताओं ने एक दिन पहले ही स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट में करप्शन के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसके खिलाफ केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को शिकायत देने की तैयारी कर ली है। स्मार्ट सिटी कंपनी के काम को लेकर कांग्रेस के नेता भी ज्यादा खुश नहीं है लेकिन अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा करना मुश्किल हो रहा है।