आज से खुलेंगे सभी सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों ने मांगा समय
जालंधर राज्यभर के सभी सरकारी प्राइवेट सीबीएसई और आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों को दो अगस्त यानी आज से खोलने की मंजूरी तो मिल गई लेकिन जालंधर में अभी अधिकतर स्कूलों की मैनेजमेंट स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : राज्यभर के सभी सरकारी, प्राइवेट, सीबीएसई और आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों को दो अगस्त यानी आज से खोलने की मंजूरी तो मिल गई लेकिन जालंधर में अभी अधिकतर स्कूलों की मैनेजमेंट स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं है। जिले में आज से सभी 936 प्राइमरी व प्री-प्राइमरी व 436 मिडिल, हाई व सेंकेंडरी खुल जाएंगे लेकिन प्राइवेट स्कूल एक भी नहीं खुलेगा। इसके पीछे स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि स्टाफ के साथ मीटिग, संक्रमण को लेकर माहौल, अभिभावकों की कंसेंट लेने के बाद ही तय करेंगे।
उधर इस मामले में सरकारी स्कूल कुछ आगे चल रहा है। उन्होंने चार दिन पहले ही अभिभावकों से पीटीएम कर कंसेंट ले ली और रविवार को सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली। निजी स्कूलों में अभी तक अधिकतर ने छोटी कक्षाओं के साथ स्कूल खोलने के लिए कंसेंट फार्म व लेटर भी नहीं भेजे गए। हालांकि स्कूल मुखियों का कहना है कि स्कूल तो विद्यार्थियों के लिए ही बंद थे। बाकी सारी क्लासें तो आनलाइन ही चल रही हैं। अगर कोई कंसेंट देना चाहता है तो स्कूल आकर दे सकता हैं। जितनी जल्दी कंसेंट मिलेगी उसी हिसाब से स्कूल खोलने को लेकर फैसला होगा। जिक्रयोग है कि 26 जुलाई से 10वीं से 12वीं की कक्षाएं स्कूलों में शुरू हुई हो गई है। अधिकतर प्राइवेट स्कूल भी खुल गए है। इन कक्षाओं के लिए बाकी स्कूल आज से खुलेंगे। छुट्टी वाले दिन भी स्कूलों में हुई साफ-सफाई
डीसी घनश्याम थोरी ने शनिवार दोपहर स्कूल खोलने की मंजूरी दी थी। उसी कारण रविवार को अवकाश के दिन सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने और सैनिटाइजर स्प्रे कराने के लिए शिक्षक स्कूल आए। कक्षाओं में सीटिग अरेंजमेंट भी किया गया।
स्कूलों की गाइडलाइंस माननी होंगी
बच्चों व स्टाफ को मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा।
शारीरिक दूरी का ख्याल रखना जरूरी होगा।
सैनिटाइजर का प्रबंध करना अनिवार्य रहेगा।
लंच टाइम के समय बच्चे टिफिन शेयर नहीं करेंगे। अभिभावकों ने कहा-हालात सामान्य लगे तभी भेजेंगे
अभिभावक शालिनी शर्मा का कहना है कि बेटी अभी पहली कक्षा में पढ़ती है और हालात अभी ठीक नहीं है इसलिए थोड़ा इंतजार करेंगे। निशा ठाकुर का भी कहना है कि संक्रमण की थर्ड बेव बच्चों के लिए ही खतरनाक बताई जा रही है। ऐसे में स्कूल खुल भी जाए तो बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते। जसप्रीत सिंह कहते हैं कि उनका एक बेटा आठवीं और बेटी सातवीं में पढ़ती है। दोनों बच्चे समझदार हैं और उन्हें स्कूल खुलने के साथ-साथ खुद को संक्रमण से बचने के लिए गाइड किया हुआ है। फिलहाल कुछ दिन हालात देखने के बाद उन्हें स्कूल भेजेंगे। दोनों बच्चे अपना ध्यान भी रख लेंगे, मगर उससे ज्यादा टेंशन अब ये है कि पौने दो साल से बच्चों की ड्रेसेज भी छोटी हो गई होंगी। वे भी नई लेनी पड़ेगी, कामकाज पहले ही ठीक नहीं रही और खर्च ज्यादा नजर आने लग पड़े हैं।
प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों का तर्क
एपीजे स्कूल महावीर मार्ग के प्रिसिपल गिरिश कुमार का कहना है कि इस संबंध में इंटर्नल एपीजे स्कूल्स की मीटिग बुलाई जा रही है और उसमें तय किया जाएगा। विद्यार्थियों के स्कूल आने के लिए अभिभावकों की कंसेंट मिलनी भी जरूरी है।
दयानंद माडल स्कूल माडल टाउन के प्रिसिपल विनोद कुमार का कहना है कि वे ट्राई करते हैं सभी कक्षाओं के साथ स्कूल ओपन करने की। इसमें यह भी देखा जाएगा कि कितने अभिभावकों की तरफ से कंसेंट दी जाती है।