संस्कृति केएमवी में हुई वेबिनार, प्रिंसिपल रचना मोगा ने बच्चों को नैतिक मूल्यों का ज्ञान देना जरूरी बताया

प्रिंसपल रचना मोगा ने कहा कि नैतिक मूल्यों और संस्कारों का निरंतर पतन देखने को मिल रहा है। ऐसे समय में अभिभावकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। बच्चों को उत्तम शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें हमारे संस्कार आदर्शों और नैतिक मूल्य का सुदृढ़ आधार भी प्रदान करना है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:24 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:24 PM (IST)
संस्कृति केएमवी में हुई वेबिनार, प्रिंसिपल रचना मोगा ने बच्चों को नैतिक मूल्यों का ज्ञान देना जरूरी बताया
प्रिंसिपल रचना मोगा ने कहा कि आज के चुनौतीपूर्ण युग में अभिभावकों की भूमिका अहम हो गई है।

जालंधर, जेएनएन। संस्कृति केएमवी स्कूल में गांधी जयंती को समर्पित वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानाचार्या रचना मोंगा ने ऑनलाइन अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रपिता ने परतंत्र देश को स्वतंत्र कराया गया। ठीक उसी प्रकार आज के चुनौतीपूर्ण युग में अभिभावकों की भूमिका अहम हो गई है। एक ओर जहां बच्चे अत्यंत प्रतिभावान, तर्कसंगत और कई गुणों से संपन्न हो रहे हैं तो दूसरी ओर समाज में व्याप्त बुराइयां देखने का नजरिया भी बदलता जा रहा है।

आज भारतीय संस्कृति में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का निरंतर पतन देखने को मिल रहा है। ऐसे समय में अभिभावकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। बच्चों को उत्तम शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें हमारे संस्कार, आदर्शों और नैतिक मूल्य का सुदृढ़ आधार भी प्रदान करना है। यह तभी संभव है जब हम बड़े अपने बच्चों को समय दें और उनके व्यक्तित्व और विचारों को सकारात्मक आकार देने का प्रयास करें।

प्रिंसिपल रचना मोगा ने कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य होते हैं। यदि आने वाली पीढ़ियां भारतीय संस्कृति के नैतिक मूल्यों, आदर्शों, संस्कारों को साथ लेकर आगे नहीं बढ़ेंगी तो हम सभी का संघर्ष असफल हो जाएगा। हम कहीं ना कहीं अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करने में भूल कर चुके होंगे। आवश्यकता है कि अभिभावक बच्चों के साथ समय बिता कर उनके विचार और व्यक्तित्व को निखारें ताकि राष्ट्र एक अच्छे भविष्य की कल्पना कर सके।

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