हाथ में लाखों रुपये देख डोला दाल व्यापारी के कारिंदे का इमान, रची लूट की साजिश; आधे घंटे में 3 गिरफ्तार
जालंधर के प्रताप बाग इलाके में दोपहर 12 बजे दाल व्यापारी के कारिंदे का अपहरण कर उससे सवा दो लाख की नकदी लूटे की सूचना के बाद सनसनी फैल गई। एसीपी सुखजिंदर ने आधे घंटे की जांच में ही मामला सुलझा लिया।
जालंधर, जेएनएन। शहर के प्रताप बाग इलाके में दोपहर 12 बजे दाल व्यापारी के कारिंदे का अपहरण कर उससे सवा दो लाख की नकदी लूटे की सूचना के बाद सनसनी फैल गई। एसीपी सुखजिंदर थाना तीन के प्रभारी के साथ मौके पर पहुंच गए। एसीपी ने आधे घंटे की जांच में ही मामला सुलझा लिया। जांच में सामने आया कि लाखों देख दाल व्यापारी के कारिंदे विशाल का इमान डोल गया और उसने ही लूट की साजिश रच दी। पुलिस ने किशनपुरा निवासी विशाल, सहित उसके नशेड़ी दोस्तों कर्ण और शुभम उर्फ मनु को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के पास से 2.28 लाख रुपये रिकवर कर लिए।
शुक्रवार शाम को मंडी रोड पर दालों के व्यापारी अशोक कुमार के पास काम करने वाला युवक विशाल 2.28 लाख रुपये बैंक में जमा करवाने गया था। थोड़ी देर बाद खुद ही सिर पर चोट लगाकर और कमीज फाड़कर विशाल दुकान पर आया और कहा कि रास्ते में कुछ युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और बाइक पर बिठा कर चालीस क्वार्टर में ले गए। वहां पर उसके सिर पर किसी वस्तु से हमला किया और पैसे लेकर फरार हो गए। पुलिस ने सबसे पहले विशाल को राउंडअप कर उससे पूछताछ की।
जांच में सामने आया था कि विशाल के मोबाइल से ही अशोक को फोन आया और दो युवकों ने कहा कि उन्होंने विशाल से पैसे लूट लिए हैं। इसी बात से पुलिस मामले को संदिग्घ मानने लगी और विशाल को उस जगह पर चलने के लिए कहा, जहां पर उससे लूट हुई थी। जिस जगह पर अपहरण होने की बात सामने आई, वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे में ऐसी कोई घटना नहीं थी, बल्कि यह पता चला कि विशाल खुद ही साथियों के साथ बाइक पर बैठ कर गया था। इसके बाद लूट वाली जगह पर भी विशाल कुछ सही नहीं बता पाया। बाद में पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि लूट उसने अपने साथियों के साथ मिलकर की है। पुलिस ने चालीस क्वार्टर से ही उसके दोनों दोस्तों को भी काबू कर लिया।
पुलिस पूछताछ के दौरान जुराबों में छिपा रखे थे 28 हजार रुपये
पुलिस जब विशाल को पूछताछ के लिए थाना डिवीजन नंबर तीन में लाई तो वो लूट की कहानी सुनाने लगा। उस वक्त लूट के पैसों में से 28 हजार रुपये उसने अपने जुराबों में ही छिपा रखे थे। करीब आधे घंटे तक पुलिस माथापच्ची करती रही और विशाल पैसे अपनी जुराबों में लेकर घूमता रहा। पुलिस ने जब उससे सच्चाई उगलवाई और पैसों की रिकवरी करवाने लगी तो उसकी जुराबों से 28 हजार रुपये निकले।
मां की बीमारी का बनाया बहाना
पकड़े जाने पर विशाल पहले कहता रहा कि उसकी मां बीमार थी और उसे पैसे चाहिए थे। वहीं उसके दोस्त भी यही कहते रहे कि विशाल की मजबूरी थी, इसलिए दोस्ती में साथ दिया। पुलिस ने मालिक से पता किया तो उसने बताया कि मां बीमार जरूर थी, लेकिन वह तो खुद ही कहते थे कि इलाज का सारा खर्च वही कर देंगे।
नशे के आदी हैं आरोपित के दोस्त, रोज करते हैं सात हजार का नशा
बाद में पुलिस ने जब दोबारा पूछताछ की तो सामने आया कि विशाल के दोस्त नशा करने के आदी थे। रोज सात हजार रुपये का नशा खरीदते थे और करते थे। लालच में आकर तीनों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। विशाल पहले भी अशोक के लाखों रुपये बैंक में जमा करवाने जाता था और उसके दोस्तों को यह मालूम था, जिसके बाद लूट की साजिश रची गई।