जालंधर में 'आयुष्मान' कवच पर पेंच, स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद रोगियों का उपचार करन को तैयार हुए निजी अस्पताल

बीमा कंपनी पर जिले के 63 निजी अस्पतालों का 10.82 करोड़ रुपये कर्ज हो गया है। भुगतान न होने के कारण इन अस्पतालों ने मरीजों को सुविधाएं देने से हाथ खींच लिया था। अब सेहत विभाग के सचिव के आश्वासन के बाद दोबारा सेवाएं बहाल हुईं हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:59 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:07 PM (IST)
जालंधर में 'आयुष्मान' कवच पर पेंच, स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद रोगियों का उपचार करन को तैयार हुए निजी अस्पताल
जालंधर में आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना कमजोर पड़ने लगी है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए चालू आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना कमजोर पड़ने लगी है। बीमा कंपनी पर जिले के 63 निजी अस्पतालों का 10.82 करोड़ रुपये कर्ज हो गया है। निजी अस्पतालों ने बिलों के भुगतान न होने के चलते मरीजों को सुविधाएं देने से हाथ खींच लिया था। अब सेहत विभाग के सचिव के आश्वासन के बाद इस योजना के तहत निजी अस्पतालों में दोबारा सेवाएं बहाल हुईं हैं। मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना स्टेट हेल्थ एजेंसी के प्रतिनिधि कन्नी काट रहे हैं।

जिले में 68 के लगभग निजी अस्पताल आयुष्मान सबरत सेहत बीमा योजना के पैनलमेंट में शामिल हैं। पिछले अगस्त से राज्य के निजी अस्पतालों को मरीजों का इलाज करने के बाद 150 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ। जिले में लगभग 10.82 करोड़ रूपये का बकाया है। बिलों का भुगतान न मिलने की वजह से निजी अस्पतालों ने इस योजना के तहत मरीजों का इलाज करने से हाथ खींच लिया था। इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानी से जूझना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 20 अगस्त से 25 अक्टूबर तक जिले के 63 अस्पतालों की 10.82 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। जिले में बीमा कंपनी की ओर से 2199 मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को 16.25 करोड़ रुपये के दावों को मान्यता दी गई। इनमें से 704 मामलों की 5.42 करोड़ की रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

दो दिन में जारी होंगे 30 करोड़ रुपये

डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. ज्योति शर्मा ने बताया कि आईएमए और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक करके समस्या का समाधान हो गया है। निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का उपचार शुरू कर दिया है। नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रधान डा. राकेश विग का कहना है कि उनकी स्वास्थ्य विभाग के सचिव के साथ बैठक हुई है। बीमा कंपनी बदलने की वजह से समस्या ने विकराल रूप धारण किया है। अब एसबीआइ बीमा कंपनी इस योजना को देख रही है। उन्होंने दो दिन के भीतर 30 करोड़ रुपये तथा अगले दो सप्ताह में शेष बकाया राशि जारी करने की बात कही है।

chat bot
आपका साथी