जंडूसिंघा चौकी इंचार्ज व सिपाही घर से फरार, नशा छुड़ाओ केंद्र से लौट रहे युवक को जबरन उठा मांगी थी रिश्वत
एसआई सुखदेव सिंह को विजिलेंस टीम ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसने कोर्ट से जमानत ले ली थी। उसके बाद पुलिस ने उस पर और सिपाही हरदीप सिंह पर करप्शन एक्ट का मामला भी दर्ज कर लिया था।
संवाद सहयोगी, जालंधर। एनडीपएस एक्ट में जमानत मिलने के बाद करप्शन एक्ट में फंसे जंडूसिंघा चौकी इंचार्ज सुखदेव सिंह और सिपाही हरदीप सिंह पर विजिलेंस ब्यूरो शिकंजा कसती जा रही है। करप्शन एक्ट में दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी की लेकिन दोनों ही फरार हो गए। एएसआइ सुखदेव सिंह को विजिलेंस टीम ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसने कोर्ट से जमानत ले ली थी। इसके बाद पुलिस ने एसएसआइ और सिपाही हरदीप सिंह पर करप्शन एक्ट का मामला भी दर्ज कर लिया था।
वीरवार की रात और शुक्रवार सुबह भी विजिलेंस टीम ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह पर छापेमारी की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। बताया जा रहा है कि दोनों अब जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ले सकते हैं। जमानत लेकर व जांच में शामिल हो सकते हैं। विजिलेंस टीम ने दोनों के परिजनों और रिश्तेदारों पर भी दबाव बनाया है कि दोनों को पेश कर दिया जाए। विजिलेंस टीम जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी दिखा सकती है।
यह है मामला
बीते दिनों शेखे गांव में स्थित नशा छुड़ाओ केंद्र से नशा छोड़ने की दवाई लेकर लौट रहे युवक को जंडूसिंघा चौकी के इंचार्ज सुखदेव सिंह ने जबरन उठवा लिया था। उन्होंने चौकी में ले जाकर उससे 60 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। युवक ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग को कर दी। डीएसपी दलबीर सिंह ने बताया कि हरमनजीत ने उनको शिकायत दी थी के वह ड्राइवर है। कुछ साल पहले वह नशे का आदी हो गया लेकिन बाद में नशा छोड़ दिया। वह काला बकरा स्थित नशा छुड़ाओ केंद्र से दवाई लेता था। वहां पर उसका आईडी कार्ड बन गया। उस आईडी कार्ड के जरिए वह कहीं से भी दवाई ले सकता था। इसके बाद वह गांव शेखे से नशा छुड़ाओ केंद्र से दवाई लेने लगा। 10 नवंबर को वह अपनी दवाई लेकर मोटरसाइकिल पर घर जा रहा था। गांव कोटला में दो गाड़ियों में सादे कपड़ों में पुलिस कर्मचारी आए। उन्होंने उसका मोबाइल और बाइक छीन लिया और गाड़ी में जबरदस्ती बिठाकर जंडू सिंघा चौकी ले गए। वहां पर उन्होंने कहा कि नशा बेचने वाला व्यक्ति पकड़ा है। जब उसने यह कहा कि नशा छोड़े अभी समय हो गया है, इस वजह से उसे कोई नहीं जानता। इसके बाद हरदीप सिंह उसे चौकी इंचार्ज सुखदेव सिंह के पास ले गया। वहां उससे 60 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई। जब उसने कहा कि उसके पास पैसे नहीं है तो उसे बुरी तरह से पीटा गया। अपनी जान बचाने के लिए उसने पैसे देने की बात मान ली। उसके बाद एएसआइ सुखदेव सिंह ने उसे अगले दिन 25 हजार रुपये लेकर आने के लिए कहा और उसका बाइक व मोबाइल वहीं पर रख लिया। उसने इसकी शिकायत विजिलेंस टीम को कर दी। इसके बाद विजिलेंस टीम ने जंडू सिंघा चौकी में रेड कर दी।
डीएसपी दलबीर सिंह और इंस्पेक्टर मनदीप सिंह ने चौकी से बाइक और मोबाइल बरामद कर लिया। जब उन्होंने चौकी इंचार्ज सुखदेव सिंह से इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि उसने आरोपित से नशे की पुड़िया बरामद की। उसने एक पुड़िया लाकर डीएसपी दलबीर सिंह के सामने पेश की। जब उन्होंने पूछा कि नशा बरामद होने पर मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद डीएसपी दलबीर सिंह ने थाना आदमपुर के इंचार्ज हरजिंदर सिंह को बुलाया और नशे की पुड़िया उनके हवाले की और एएसआइ सुखदेव सिंह व सिपाही हरदीप सिंह के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। अब पुलिस दोनों के खिलाफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरु कर दी है।