Constable Recruitment: जालंधर में विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का फिर हंगामा, पुलिस ने चलाई लाठी, कई छात्राएं घायल

छात्र-छात्राओं ने शनिवार को तीसरे दिन भी पीएपी गेट पर धरना लगाने का प्रयास किया। अंदर कांस्टेबल भर्ती के लिए पेपर चल रहा था जिसका पता चलते ही बाकी छात्र-छात्राएं वहां पहुंच गए और पंजाब सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 01:45 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 02:15 PM (IST)
Constable Recruitment: जालंधर में विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का फिर हंगामा, पुलिस ने चलाई लाठी, कई छात्राएं घायल
शनिवार को पीएपी गेट पर प्रदर्शन करते हुए सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी।

संवाद सहयोगी, जालंधर। कांस्टेबल भर्ती के लिए आए छात्र-छात्राओं ने शनिवार को तीसरे दिन भी पीएपी गेट पर धरना लगाने का प्रयास किया। अंदर कांस्टेबल भर्ती के लिए पेपर चल रहा था, जिसका पता चलते ही बाकी के छात्र-छात्राएं भी वहां पहुंच गए। आरोप था कि अंदर सिफारिशी लोगों को ही भेजा गया है जबकि योग्यता वालों को बाहर रखा गया है। इस दौरान सभी ने कांग्रेसी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इसकी सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने छात्र छात्राओं को खींच-खींच कर बाहर निकाला। प्रदर्शनकारियों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। लाठीचार्ज में तीन छात्राएं और दो छात्र घायल हो गए, जिनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आरोप था कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने छात्राओं को गले से खींच कर वहां से उठाया और उनके साथ धक्का-मुक्की की।

टीचर्स का धरना चौथे दिन भी जारी

जालंधर। इधर, सरकार के अड़ियल रवैयै के खिलाफ पंजाब एवं चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन का पीसीसीटीयू के आह्वान पर धरना चौथे दिन में दाखिल हो गया। एचएमवी लोकल यूनिट की प्रधान डा. आश्मीन कौर ने कहा कि डा. एचएस किंग्रा के आमरण अनशन का असर सरकार पर चौथे दिन भी नहीं हुआ है। यह बात बहुत शर्मसार करने वाली बात है।

उन्होंने कहा कि एचएमवी यूनिट से भी प्रतिदिन 2 सदस्य 9 से 3 बजे तक भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं। शनिवार को डा. श्वेता चौहान व रमा शर्मा ने भूख हड़ताल की। वाइस प्रेसीडेंट डा. हरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार का अड़ियल रवैया हैरान करने वाला है। सरकार को रुख शिक्षक विरोधी नहीं बल्कि शिक्षक हितैषी होना चाहिए। डा. सीमा खन्ना जॉइंट सचिव लोकल यूनिट ने कहा कि यदि सरकार शिक्षकों के हक में होगी तभी पंजाब में शिक्षा को बचाया जा सकता है। विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान भी सरकार पर कोई असर नहीं डाल रहा। सरकार का रवैया समझ से बाहर है। 

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