पारिवारिक जिम्मेवारी के साथ-साथ मरीजों की सेवा में जुटी जालंधर की पारूल, अब तक लगवाए 20 मेडिकल कैंप
पारूल सिंडिकेट चेरीटेबल मेडिकल सेंटर की सीईओ हैं। वह सुबह 11 से दोपहर 1.30 बजे तक सेंटर में मौजूद रहती है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का इलाज फ्री करवा रही हैं। जरूरतमंदों के लिए वह अब तक 20 मेडिकल कैंप लगवा चुकी हैं।
कमल किशोर, जालंधर। ‘महिला है हर परिवार की शक्ति, तभी दुनिया इसकी ताकत को मानती है’। इसी शक्ति के माध्यम से कार्य को बड़ी ताकत, निष्ठा, विनम्रता और जिम्मेवारी से निभाती हैं जालंधर की पारूल कोहली। पारूल सिंडिकेट चेरीटेबल मेडिकल सेंटर की सीईओ हैं। नरेश कोहली सेंटर के चेयरमैन है। पारूल पारिवारिक जिम्मेवारी के साथ-साथ मरीजों की सेवा करने में जुटी हुई हैं। सुबह 11 से दोपहर 1.30 बजे तक सेंटर में मौजूद रहती है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का इलाज फ्री करवा रही हैं। सेंटर में कई मरीज ऐसे पहुंच जाते हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होते हैं। मेडिकल टेस्ट नहीं करवा पाते हैं। पैसे की कमी से इलाज से वंचित रह जाते हैं। पारूल कोहली इन मरीजों के समक्ष मदद का हाथ बढ़ाकर इलाज करवा रही हैं। 200 से अधिक मरीजों का फ्री इलाज करवा चुकी है।
अब तक 20 मेडिकल कैंप लगवा चुकी हैं
मरीजों को सेहत लाभ पहुंचाने के लिए अब तक बीस मेडिकल कैंप लगवा चुकी है। कैंप में मरीजों को फ्री दवाईयां मुहैया व टेस्ट करवा चुकी है। सेंटर के भीतर ही मरीजों के लिए एक बाक्स लगा रखा है। मरीज अपना इलाज की पर्ची बाक्स में डाल सकते है। दवाई की पर्ची है तो फ्री मुहैया करवा दी जाती है। बिना पैसे लिए मरीज का इलाज करवाया जाता है।
मरीजों की समस्या को सुनती है पारुल कोहली
पारूल कोहली सेंटर में ढाई घंटे तक रहती है। इतने समय में सिर्फ मरीजों से मिलती है। कोई भी मरीज पैसे की कमी के कारण इलाज से वंचित नहीं रहा है। कोई मरीज इनके पास मेडिकल टेस्ट की फीस में कटौती की मांग करता है तो तुरंत कर दी जाती है।
जरूरतमंद की सेवा करने से मन को सुकून मिलता हैः पारूल कोहली
पारूल कोहली ने बताया कि मरीजों की सेवा करने से मन को एक सुकून मिलता है। हर कोई स्वयं के लिए जीवन व्यतीत करता है। भगवान द्वारा मिला जीवन में जरूरतमंद की सहायता करनी चाहिए। पारिवारिक सदस्य सेवा करने में विश्वास रखते है। ससुर नरेश कोहली व पति अलकेश कोहली भी जरूरतमंद लोगों की सेवा करने में अग्रसर रहते है। उनका सपना था कि एक मेडिकल सेंटर बनाकर मरीजों को सस्ता इलाज मुहैया करवाया जाए। सपना साकार हो रहा है। सेंटर में जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का फ्री इलाज करवाया जा रहा है।