पैसे बर्बाद करने वालों पर मेहरबानी... पढ़ें जालंधर की और भी रोचक खबरें

नगर निगम की तरफ से पिछले दिनों 20 लाख रुपये की लागत से बनवाई जाने वाली सड़क को पानी में बहाने वाले ठेकेदार पर मेयर की मेहरबानी भले ही निगम ने पचा ली है लेकिन लोगों को यह बात पच नहीं रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:58 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:58 AM (IST)
पैसे बर्बाद करने वालों पर मेहरबानी... पढ़ें जालंधर की और भी रोचक खबरें
गदईपुर में बारिश के बीच सड़क बनने के बाद जांच करने पहुंचे मेयर’ फाइल फोटो

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। गदईपुर में सालों के इंतजार के बाद नगर निगम की तरफ से पिछले दिनों 20 लाख रुपये की लागत से बनवाई जाने वाली सड़क को पानी में बहाने वाले ठेकेदार पर मेयर की मेहरबानी भले ही निगम ने पचा ली है, लेकिन लोगों को यह बात पच नहीं रही है। सात साल की मांग के बाद इलाके में सड़क का निर्माण किया जा रहा था और वह भी बारिश के दौरान। नतीजतन सड़क का पानी में बहना तय था। भला हो एक जागरूक नागरिक का, जिसने इंटरनेट मीडिया पर ठेकेदार की इस करतूत का पर्दाफाश किया। इसके बाद मेयर जगदीश राज राजा ने अगले दिन डैमेज कंट्रोल करने के लिए गदईपुर मार्केट का दौरा किया और दोबारा से सड़क बनाने को काम शुरू करवा कर वाहवाही लूटने की कोशिश। इस दौरान वह भूल गए कि यह चुनावी साल है। इसका असर कुछ महीनों बाद होने वाले चुनाव में दिखाई पड़ेगा।

कैंट में होगी हाकी की सियासत

कैंट विधानसभा सीट पर इस बार आने वाले चुनाव में हाकी या अन्य खेलों से जुड़े दिग्गज चेहरे मैदान में उतर सकते हैं। पूर्व ओलिंपियन परगट सिंह फिलहाल इस सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। इसी हलके में हाकी के मक्का नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध संसारपुर गांव है। इस गांव ने देश को 14 ओलिंपियन दिए हैं। अकाली दल ने प्रयोग के तौर पर वर्ष 2012 में परगट को यहां से चुनाव मैदान में उतारा था और प्रयोग सफल भी रहा था। उसके बाद कांग्रेस ने परगट को उतारा। दो-दो बार हाकी के दिग्गज की जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने भी इस हलके से पूर्व ओलिंपियन सुरिंदर सिंह सोढी को उतारने का मन बना लिया है। इसके बाद अकाली दल को छोड़कर बाकी के दलों ने भी इस सीट से उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारने के लिए खिलाड़ियों की तलाश शुरू कर दी है।

शनिवार का दिन पंजाब कांग्रेस पर भारी रहा। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देकर अपनी कुर्सी ही नहीं छोड़नी पड़ी, बल्कि उनके साथ पूरी कैबिनेट की भी कुर्सी चली गई। कैप्टन के जालंधर में भी तमाम कांग्रेसियों व आम लोगों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। जालंधर के उद्योगपति गौतम कपूर के साथ उनके नजदीकी रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। गौतम ने इस्तीफे वाले दिन कैप्टन के सलाहकार की भूमिका निभाई और कैप्टन के साथ राजभवन पहुंच कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक उनका साथ दिया। राजभवन के गेट पर प्रवेश करने को लेकर गौतम की सुरक्षाकर्मियों के साथ जमकर बहस हुई। पहले गौतम ने सुरक्षाकर्मियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने तो उन्हें गुस्सा आ गया। कैप्टन का हवाला देकर उन्होंने लताड़ लगाई तो खबरनवीसों ने भी सारे मामले को देखा। हालांकि मौके की नजाकत देख उन्हें अंदर जाने दिया गया।

अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए जालंधर पुलिस ने हाल ही में अपने देहात के इलाके को हाईटेक नाकों से लैस किया है। खास तौर पर जालंधर की सीमा में प्रवेश व बाहर जाने वाले रास्तों में लगाए गए इन नाकों को सीसीटीवी कैमरों की नजरों में कैद कर दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे लगाने का मकसद अपराधियों पर नजर रखना और नाके पर हो रही गतिविधियों को देखना था। पुलिस की कोशिश थी कि इन नाकों के जरिए अपराधियों को शिकंजा कसने में आसानी रहेगी, लेकिन इन नाकों ने कई पुलिस वालों की ही पोल खोल दी है। कुछ ही दिनों में चार पुलिस वालों को फिल्लौर में लगे नाके पर चार लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया गया। इन्होंने पहले कितने अपराधियों को मोटी रकम लेकर निकलने दिया होगा, इसका जवाब तो वही दे सकते हैं, लेकिन इस मामले के बाद खुद पुलिस कठघरे में आ गई है।

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