कूटनीति में कामयाब हो गए मेयर जगदीश राजा, विधायकों ने इस बार सीएम से नहीं की शिकायत

जालंधर के मेयर जगदीश राजा अपनी कूटनीति में कामयाब हो गए हैं। मेयर लगातार तीन सालों तक विकास कार्यो को लेकर विधायकों की नाराजगी झेलते रहे। इस साल विधानसभा चुनाव की तैयारियां कोरोना काल के बीच में शुरू हो चुकी हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:23 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:23 AM (IST)
कूटनीति में कामयाब हो गए मेयर जगदीश राजा, विधायकों ने इस बार सीएम से नहीं की शिकायत
मुख्यमंत्री के साथ विधायकों की जितनी भी बैठकें हुई थीं, उनमें विकास कार्यों को लेकर मेयर निशाने पर थे।

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। विधायकों के निशाने पर चल रहे मेयर जगदीश राजा अपनी कूटनीति में कामयाब हो गए हैं। मेयर लगातार तीन सालों तक विकास कार्यो को लेकर विधायकों की नाराजगी झेलते रहे। इस साल विधानसभा चुनाव की तैयारियां कोरोना काल के बीच में शुरू हो चुकी हैं। नतीजतन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक बार फिर से विधायकों की याद आने लगी है। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ बैठक की और उनके एजेंडे जानने की कोशिश की तो विधायकों ने मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री या सरकार से नाराजगी जताई, लेकिन मेयर से नहीं। इससे पहले मुख्यमंत्री के साथ विधायकों की जितनी भी बैठकें हुई थीं, उनमें विकास कार्यों को लेकर मेयर निशाने पर थे। इस बार मेयर ने समय रहते ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के तहत विधायकों के साथ उनके हलके में सड़कों से लेकर सीवरेज व अन्य कामों को लेकर उन्हें अपने पाले में खड़ा कर लिया है।

परगट ने सीएम को दी नसीहत

मामला जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह के साथ जुड़ा हुआ है। कांग्रेस में आने से पहले परगट सिंह शिरोमणि अकाली दल के साथ थे। कैंट से लगातार दो विधानसभा चुनाव जीत चुके परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की अच्छी बनती है। बीते विधानसभा चुनाव से पहले कभी आम आदमी पार्टी तो कभी कांग्रेस में जाने का जुगाड़ लगाकर चर्चा में आने वाले परगट ने अभी तक की सियासत में सिद्धू को ही फालो किया है। अब एक बार फिर उन्होंने सिद्धू की लाइन पर चलते हुए अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीते दिनों चंडीगढ़ में विधायकों के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हुई बैठक के बाद परगट सिंह ने सिद्धू के स्टाइल में विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सर्वे कराने की नसीहत दे डाली। इसके बाद से परगट सिंह एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं।

किल्लत बढ़ी तो आक्सीजन पर पहरा

कोरोना काल में अचानक जिले में आक्सीजन की किल्लत दिखाई देने लगी है। जिला प्रशासन व सेहत विभाग लगातार दावे करते आ रहे थे कि कोरोना काल में पर्याप्त मात्र में आक्सीजन उपलब्ध है। इस समय केवल लिक्विड आक्सीजन की कमी है, जिसकी आपूर्ति के लिए डीसी घनश्याम थोरी ने सरकार से मांग की थी। हालांकि आक्सीजन नहीं मिली। हर तरफ हाहाकार मचा तो डीसी ने आक्सीजन प्लांट पर अधिकारियों का पहरा बैठा दिया। आक्सीजन पर 24 घंटे निगरानी होने लगी। दो दिन बाद ही पोल खुल गई कि किस प्रकार आक्सीजन प्लांट में रोजाना सैकड़ों लीटर आक्सीजन बर्बाद हो रही थी। फिर क्या था आनन-फानन में बयान जारी हुए कि जिले में अधिकारियों के पहरे के बाद आक्सीजन की बर्बादी रोक ली गई है। अब किल्लत नहीं होगी, लेकिन तीन दिन बाद ही आक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों ने फिर से पुलिस व जिला प्रशासन की पोल खोल दी।

कोरोना ने रोक दी चुनाव की बयार

शहर के प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब में चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया था, लेकिन कोरोना की लगातार बढ़ रही रफ्तार के चलते क्लब की सारी गतिविधियां और चुनाव को लेकर चल रही जोड़तोड़ की राजनीति भी ठंडी पड़ गई है। बीते चुनाव में जीत कर आए तमाम पदाधिकारियों ने नए सिरे से चुनाव को लेकर कमर कस ली थी। इस बार सारे समीकरण बदलने वाले थे। जो पदाधिकारी बड़े पदों पर चुनाव लड़ चुके थे, उन्हें इस बार चुनावी रेस से बाहर करने के लिए किंग मेकर्स ने नए सिर से रणनीति बनानी शुरू कर दी थी। इच्छुक दावेदार व बड़े पदों को लेकर पिछले चुनाव में कई लोगों को किंग मेकर्स की तरफ से भरोसा दिया गया था। उसके दम पर क्लब की सारी गणित बैठाई जा रही थी। इस बीच कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ्तार ने एक बार फिर सारी कवायद को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

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