International Yoga Day : जालंधर के अनिल भसीन को योग से मिली नई जिंदगीः 25% काम कर रहा था हार्ट, 2 साल में 60% तक हुआ ठीक
International Yoga Day जालंधर के सोढल में रहने वाले 69 वर्षीय अनिल कुमार भसीन को योग ने दूसरा जीवन दिया है। दो साल पहले उनका हार्ट इतना कमजोर हो गया कि डाक्टरों ने जवाब दे दिया। ऐसे में अनिल भसीन योग का सहारा लिया।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। सोढल में रहने वाले 69 वर्षीय अनिल कुमार भसीन को योग ने दूसरा जीवन दिया है। दो साल पहले उनका हार्ट इतना कमजोर हो गया कि डाक्टरों ने जवाब दे दिया। कहा-दवाई लेते रहो, कुछ ही समय की जिंदगी बची है, ऐसे में अनिल भसीन योग का सहारा लिया। आज वे स्वस्थ हैं। अपनी फैक्ट्री का काम खुद संभालते हैं। खुद वाहन चलाते हैं और रोजाना आठ से 10 घंटे तक अपने काम के लिए भी निकालते हैं। उनके हार्ट ने भी 60 फीसद तक काम करना शुरू कर दिया। इस रिकवरी से ने केवल भसीन बल्कि डाक्टर भी हैरान हैं। धीरे-धीरे दवाएं कम हो गई और योग पर विश्वास बढ़ता गया। अब वे लोगों को खुद की उदाहरण देकर जागरूक करते नजर आते हैं।
पीवीसी फिटिंग की इंडस्ट्री चलाने वाले अनिल भसीन ने बताया कि मार्च 2019 में तबीयत एकदम से खराब हो गई। सांस लेने में दिक्कत आ रही थी और हालत बिगड़ती जा रही थी। अस्पताल जाकर पता चला कि हार्ट केवल 25 फीसद तक काम कर पाएगा और जिंदगी दवाओं के सहारे ही गुजारनी पड़ेगी। 10 दिन तक वे अस्पताल में रहे। इसके बाद कैलाश नगर स्थित डिवाइन योग सेंटर पहुंचे। वहां योगाचार्य सुरजीत सिंह से संपर्क किया और योगासन शुरू किए। उन्होंने बताया कि सिर्फ दो वर्ष में ही हार्ट 60 फीसद से ज्यादा काम करने लग गया है। दो महीने पहले कोरोना काल में आक्सीजन लेवल 81 से 85 फीसद पहुंच गया था। कोरोना का कोई लक्षण नहीं था लेकिन योग का साथ नहीं छोड़ा और आक्सीजन लेवल बिना अस्पताल गए 97 आ गया। अनिल भसीन ने बताया कि जब जिंदगी की आस छोड़ दी थी तो योग ने उनको नई जिंदगी दी। योग पर विश्वास रखा। खुद को पाजिटिव रखा। आज वे पूरी तरह से ठीक हैं। योग उनके जीवन का अटूट अंग बन चुका है।
योग से फेफड़ों की ताकत छह गुणा बढ़ जाती है: सुरजीत
डिवाइन योग सेंटर के संचालक सुरजीत सिंह ने बताया कि अनिल कुमार भसीन की हार्ट की नसों और फेफड़ों की क्षमता और शक्ति को बढ़ाने के लिए योगासन करवाए गए। इन्हें प्रणायाम, शीतली, नाड़ी शोधन, अनुलोम विलोम, कुंभक, शीतकरी, जीवन तत्व, पवन मुक्तासन, अर्ध चक्रासन भुजंगासन धनुर आदि आसन करवाए गए। डाक्टर भी मानते हैं कि योग से फेफड़ों की ताकत छह गुणा बढ़ जाती है और तनाव से मुक्ति मिलने से रिकवरी तेज हो जाती है। इसकी वजह से इनके शरीर में टाक्सिटी कम हुई है और आक्सीजन का लेवल बढ़ने से इनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। सेंटर में रिलैक्सेशन करवाने की तकनीक भी अहम भूमिका अदा करती है।
अब तक चार असाध्य बीमारियों के मरीज ठीक कर चुके
सोढल रोड स्थित डिवाइन योगा सेंटर के सुरजीत सिंह ने बताया कि कई असाध्य रोगों का उपचार योग के माध्यम से किया जा सकता है। योग की विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से उन्होंने चार ऐसे मरीजों को दुरुस्त किया है, जिनके रोग असाध्य थे और डाक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। कहा कि वह पहले बीमारी की नब्ज देखते है, फिर उसका योग के माध्यम से उपचार किया जाता है।
दवाइयों के साथ-साथ योग, खान-पान, रहन-सहन रिकवरी में अहम भूमिका अदा करता है। मरीज ने इन चीजों को भी अपनी जीवनशैली में शामिल किया जिसकी वजह से उसकी रिकवरी तेज हो गई।
-डा ऋषि आर्य, हार्ट स्पेशलिस्ट, सिविल लाइंस जालंधर।