जालंधर के एलकेसी टेक्निकल कैंपस में स्टूडेंट्स ने खेल-खेल में सीखे मैनेजमैंट के फंडे

डिप्टी डायरेक्टर डा. आरएस देयोल ने खेलों के माध्यम से सीखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे में चाहे कितना भी टैलेंट क्यूं न हो जबतक छात्र मैनेजमेंट और टीम को साथ लेकर चलने की कला नहीं सिखेंगे वे जीवन के पथ पर कामयाब नहीं हो पाएंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 03:03 PM (IST)
जालंधर के एलकेसी टेक्निकल कैंपस में स्टूडेंट्स ने खेल-खेल में सीखे मैनेजमैंट के फंडे
एलकेसी टेक्निकल कैंपस में मैनेजमेंट गेम्स में हिस्सा लेते हुए स्टूडेंट्स।

जासं, जालंधर। खेल-खेल में सीखी गई चीजें छात्र जीवन में कभी नहीं भूलते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एलकेसी टेक्निकल कैंपस में मैनेजमेंट गेम्स पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को अनुभव से सीखना और सैद्धांतिक ज्ञान दिलाना था। इसमें एमबीए, बीबीए और बीकाम आनर्स के विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने ग्लास पिरामिड, फ्लिपइट, बोल्ट आफ वर्ड्स, आर्ट आफ बैलेंसिंग, टावर स्केटिंग, टीम बिल्डिंग, पजलिंग आदि खेलों के जरिये मैनेजमेंट के फंडे सीखे। इन खेलों की मेजबानी प्रो. पारुल नंदा और हर्षप्रीत कौर ने की। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अंतरप्रीत कौर ने किया। भाग लेने वाले स्टूडेंट्स ने इस कार्यशाला का भरपूर लाभ उठाया। 

डिप्टी डायरेक्टर डा. आरएस देयोल ने खेलों के माध्यम से सीखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे में चाहे कितना भी टैलेंट क्यूं न हो, जबतक छात्र मैनेजमेंट और टीम को साथ लेकर चलने की कला नहीं सिखेंगे वे जीवन के पथ पर कामयाब नहीं हो पाएंगे। ऐसे में अपनी स्किल्स के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट को साथ लेकर ही आगे बढ़ने की कला हर किसी को सीखनी चाहिए।

जालंधर के टेक्निकल कैंपस में खेल-खेल में स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट के फंडे सिखाती हुई टीचर।

अरुण दत्ता, डा. इंद्रपाल सिंह, निधि चोपड़ा ने विद्यार्थियों की तरफ से इस आयोजन में भागीदारी के प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि इस तरह के छोटे-छोटे प्रयासों के जरिये ही विद्यार्थियों को कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है, जो केवल उनके लिए ही नहीं भविष्य में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए भी समझ पैदा करते हैं। यही कारण है कि इस तरह के आयोजन को खेल गतिविधि के रूप में बदल कर करवाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह भी देकर सम्मानित किया गया। डायरेक्टर सुखबीर सिंह चट्ठा ने विभागों के इस प्रयास को सराहा।

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