एलकेसी के टायकैथान-2021 में स्टूडेंट्स ने दिए खिलौना बनाने के शानदार आइडिया, बीसीए की टीम विजेता

एलकेसी के टायकैथान-2021 में मैनेजमेंट इंजीनियरिंग और आईटी की 14 टीमों के विद्यार्थियों ने पिन बाल पूल टेबल स्ट्रिंग हाकी रेसिंग लूडो एजुकेशनल गेम्स ग्रीन टायज मैनेजमेंट पजल्स कैसीनो आदि जैसे अनूठे स्व-निर्मित खिलौने और पहेलियां प्रस्तुत की।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:00 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:07 PM (IST)
एलकेसी के टायकैथान-2021 में स्टूडेंट्स ने दिए खिलौना बनाने के शानदार आइडिया, बीसीए की टीम विजेता
स्कूल आफ मैनेजमेंट की तरफ से प्रदर्शनी टायकैथान-2021 का आयोजन किया गया।

जासं, जालंधर। एलकेसी टेक्निकल कैंपस स्कूल आफ मैनेजमेंट की तरफ से आयोजित प्रदर्शनी टायकैथान-2021 में भारतीय टाय मार्केट के लिए शानदार आइडिया प्रस्तुत किए गए। प्रदर्शनी में मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और आईटी की 14 टीमों के विद्यार्थियों ने पिन बाल, पूल टेबल, स्ट्रिंग हाकी, रेसिंग लूडो, एजुकेशनल गेम्स, ग्रीन टायज, मैनेजमेंट पजल्स, कैसीनो आदि जैसे अनूठे स्व-निर्मित खिलौने और पहेलियां प्रस्तुत किए। उनका दावा था कि इनकी सहायता से भारतीय खिलौना बाजार भी खुद को और विकसित कर सकता है।

बीसीए की टीम 5 स्टार और ब्लूमिंग चार ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि आईटी मास्टर्स ने दूसरा, ब्रेन फ्रेंड्स ने तीसरा स्थान और एमबीए जादूगरों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. मनीषा धीर और डा. रितु रानी ने बखूबी किया। केसीएल ग्रुप से अकादमिक मामलों के निर्देशक सुखबीर सिंह चट्ठा ने स्कूल आफ मैनेजमेंट के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन रचनात्मकता को विकसित करते हैं और विद्यार्थियों के समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं।

डिप्टी डायपेक्टर डा. आरएस देयोल ने भाग लेने वाली टीमों को अपनी रचनात्मक भावना को बढ़ाने और एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाने के लिए अपने विचारों को एक राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। मैनेजमेंट विभाग के प्रमुख डा. इंद्रपाल सिंह ने प्रतिभागियों की सोच की सराहना की। उन्होंने कहा कि यही सोच और आइडिएशन के साथ ही हम पारंपरिक भारतीय खिलौनों के बाजार को फिर से बेहतर ढंग से डिजाइन कर पाएंगे। अभी तक विदेशी खिलौनों की मार्केट में भरमार है, जिनकी क्लवालिटी बहुत खराब रहती है। ऐसे में बेहतर खिलौने अगर भारतीय ही होंगे तो उनकी दाम भी उचित रहेंगे। इससे भारतीय खिलौना मार्केट भी विकसित होगी।

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