Jalandhar Banner War: विधानसभा टिकट की दावेदारी में जुटे नेता, खंभे पर लटकाई निगम की तहबाजारी ब्रांच की कारगुजारी
महानगर की कोई सड़क चौक या सरकारी इमारत ऐसी नहीं बची है जिस पर टंगे ऐसे बैनर निगम की तहबाजारी ब्रांच की कारगुजारी पर मुंह नहीं चिढ़ा रहे हैं। आजकल पूरा महानगर राजनीतिक पार्टियों के बैनरों से पटा नजर आ रहा है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। पंजाब विधासभा चुनाव 2022 से पहले जालंधर में बैनर युद्ध छिड़ गया है। इस समय महानगर टिकट चाहने वाले नेताओं के बैनरों से पट गया है। जगह-जगह बैनर लगाकर स्थानीय नेता वोटरों और हाईकमान को लुभाने में जुटे हैं। टिकट पक्की करवाने के लिए नगर निगम की तहबाजारी ब्रांच की कारगुजारी को ही खंभे पर लटका दिया गया है। पूरा महानगर राजनीतिक पार्टियों के बैनरों से पटा नजर आ रहा है।
राजनीतिक पार्टियां और टिकट चाहने वाले जहां वोटरों को लुभाने के लिए बैनर लगाकर तमाम वादे और दावे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चुनाव से पहले काडर को लुभाने के लिए स्थानीय स्तर की नियुक्तियों पर बधाई के बैनर लगवा रहे हैं। स्थिति यह है कि बिजली की तारों या लाइटों को टांगने के लिए लगाए गए खंभे अब ऐसे बैनरों से ही ढक गए हैं। महानगर की कोई सड़क, चौक या सरकारी इमारत ऐसी नहीं बची है, जिस पर टंगे ऐसे बैनर निगम की तहबाजारी ब्रांच की कारगुजारी पर मुंह नहीं चिढ़ा रहे हैं।
जिला मुख्यालय के चारों तरफ लगे बैनर
आश्चर्यजनक है कि जिला मुख्यालय (डीसी एसएसपी एवं सीपी ऑफिस) के चारों तरफ ऐसे बैनर लगे हुए हैं। जिन सड़कों से अफसरशाही जिला मुख्यालय की तरफ जाती है, उस पर भी बैनर लगाए गए हैं। नियमानुसार तहबाजारी विभाग की तरफ से शहर भर में अवैध तौर पर लगने वाले बैनर पोस्टर उतार दिए जाते हैं। जिला प्रशासन के पास भी सरकारी इमारतों पर अवैध तरीके से लगाए जाने वाले विज्ञापनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रविधान है लेकिन चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक पार्टियां मनमर्जी से बैनर लगाकर सरकारी अफसरों पर भारी पड़ रही हैं।
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