16 मीट्रिक टन ऑक्सीजन से पूरी होगी जालंधर के अस्पतालों की जरूरत, डीसी ने स्वास्थ्य विभाग के

जिले में रोजाना एक लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर या फिर 16 मेट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन मिलने से किल्लत को दूर करना संभव है। मांग को पूरा करने के लिए डिप्टी कमिश्नर ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के एमडी और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 01:52 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 01:52 PM (IST)
16 मीट्रिक टन ऑक्सीजन से पूरी होगी जालंधर के अस्पतालों की जरूरत, डीसी ने स्वास्थ्य विभाग के
बढ़ते कोराेना संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत से जालंधर भी जूझने लगा है। सांकेतिक फोटो

जालंधर, जेएनएन। जालंधर के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में पेश आ रही लिक्विड ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। जिले में रोजाना एक लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर या फिर 16 मेट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन मिलने से किल्लत को दूर करना संभव है। मांग को पूरा करने के लिए डिप्टी कमिश्नर ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के एमडी और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।

इधर, कोराेना संकट में ऑक्सीजन की किल्लत से जालंधर भी जूझने लगा है। डीसी घनश्याम थोरी ने बताया कि जालंधर में रोजाना 3000-3500 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत हो रही है। इसके अलावा 400 से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर होशियारपुर व नवांशहर को भी दिए जा रहे हैं। जालंधर में रोजाना 4000 सिलेंडर की जरूरत है। फिलहाल, जिला अपने स्तर पर दो प्लांट्स से 2400 सिलेंडर ही बना पा रहा है। वर्तमान में 1600 ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी है।

पानीपत, सोनीपत, राजपुरा और बठिंडा से भी हो रही आपूर्ति

बाकी लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति अभी तक पानीपत, सोनीपत, राजपुरा व बठिंडा से की जा रही है। अब इन जगहों पर भी हालात बिगड़ रहे हैं। संभव है कि वहां से ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो। ऐसे में सरकार को तुरंत जिले को रोजाना ऑक्सीजन भेजने के लिए मांग की है।

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