जालंधर के HMV ने Addicts Behavior पर करवाई वर्कशाप, विशेषज्ञों बोले- एडिक्शन एक बीमारी, इस तरह पाएं छुटकारा
जालंधर के हंसराज महिला महाविद्यालय (एचएमवी) में एडिक्ट्स की बिहेवियर माडीफिकेशन टेक्नीकस विषय पर वर्कशाप करवाई गई। यह वर्कशाप आनलाइन हुई। वर्कशाप में जीएनडीयू कालेज वेरका अमृतसर के साइकोलाजी विभाग की डॉ. निशा छाबड़ा रिसोर्सपर्सन के तौर पर शामिल हुईं।
जालंधर, जेएनएन। एचएमवी के साइकोलाजी विभाग की फ्रायडियन साइकोलाजिकल सोसाइटी की ओर से वर्कशाप करवाई गई। यह वर्कशाप एडिक्ट्स की बिहेवियर माडीफिकेशन टेक्नीकस विषय पर आनलाइन हुई। रिसोर्सपर्सन के तौर पर जीएनडीयू कालेज वेरका अमृतसर के साइकोलाजी विभाग की डॉ. निशा छाबड़ा थी। वर्कशाप में छात्रा कृतज्ञता ने एडिक्शन पर परिचय पत्र पढ़ा।
डा. निशा छाबड़ा ने बताया कि एडिक्शन एक बीमारी है। यह लंबे समय तक चलने वाली अक्षमता है। बदलाव के द्वारा भी एडिक्ट्स को इस बीमारी से निकाला जा सकता है। इसके इलाज में काउंसलिंग, मेडिटेशन तथा कम्यूनिटी स्पोर्ट शामिल हैं। फैकल्टी सदस्यों डा. वीनस गोयल, अंजना व दीपशा ने भी वर्कशाप में भाग लिया। विभाग के सभी विद्यार्थी इस वर्कशाप का हिस्सा रहे।
प्रिंसिपल डा. अजय सरीन ने सभी का स्वागत किया और कहा कि इस तरह की वर्कशाप छात्राओं के बेहतर विकास को ध्यान में रखते हुए बेहद जरूरी है। इन वर्कशाप के माध्यम से छात्राओं की काउंसलिंग हो जाती है और उनमें अगर किसी प्रकार का ऐसा लक्षण व डर रहता है तो वे उसे दूर करने के लिए अपने सवालों के जवाब भी जान पाती है। कोविड-19 की वजह से कई प्रकार के हालात बने और बदले हैं। ऐसे में कई प्रकार के मानसिक तनाव से भी हरेक व्यक्ति ग्रस्त हुआ है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के जरिए सेशन करवाने से सभी को मदद मिलती है और इस बीमारी का शिकार होने से सभी को बचाया जा सकता है। विभागाध्यक्षा डॉ. आशमीन कौर ने डॉ. निशा छाबड़ा का धन्यवाद किया।
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें