जालंधर के एचएमवी कालेजिएट में मनाया आजादी का अमृत महोत्सव, विद्यार्थियों को बताया खान-पान का सही तरीका

प्रिंसिपल डा. संजीव सूद ने बताया कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को मौसम के अनुसार खानपान की जानकारी दी जा रही है। योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से वे अपनी इम्यूनिटी को किस प्रकार से बढ़ा सकते हैं इसके बारे में भी बताया जा रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 02:59 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 03:06 PM (IST)
जालंधर के एचएमवी कालेजिएट में मनाया आजादी का अमृत महोत्सव, विद्यार्थियों को बताया खान-पान का सही तरीका
एचएमवी कालेजिएट स्कूल में आजादी के अमृत महोत्सव में हिस्सा लेते हुए विद्यार्थी।

जागरण संवाददाता, जालंधर। एचएमवी कालेजिएट स्कूल में मंगलवार को आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। इसे भारत सरकार के आयुष विभाग और गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी की तरफ से भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मनाया जा रहा है। दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में डा. गायत्री प्रकाश ने स्कूल के विद्यार्थियों और स्टाफ को उचित खानपान और स्वस्थ रहने के लिए रहन-सहन कैसा होना चाहिए, इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा यदि इस उम्र में विद्यार्थी अच्छे खान-पान और रहन-सहन अपना लेते हैं तो भविष्य में होने वाली बीमारियों का खतरा बहुत कम हो सकता है। प्रिंसिपल मीनाक्षी सयाल ने दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज की तरफ से इस कार्यक्रम का स्वागत किया।

दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. संजीव सूद ने बताया कि इन कार्यक्रमों  के माध्यम से विद्यार्थियों को मौसम के अनुसार खानपान की जानकारी दी जा रही है। योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से वे अपनी इम्यूनिटी को किस प्रकार से बढ़ा सकते हैं, इसके बारे में भी बताया जा रहा है। इसके साथ साथ मानसिक तनाव, माइग्रेन, अनिद्रा, मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियां, जो विद्यार्थी वर्ग में सामान्य होती जा रही हैं, उनसे भी बचाव के बारे मे बताया जाएगा। 

सफलता पाने के लिए ग्रंथों के कथन जीवन मे उतारे: विजयानंद

जासं, जालंधर।

परिवार प्रबोधन की ओर से अर्बन एस्टेट फेज 1 में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें परिवार प्रबोधन के प्रांत प्रचारक विजयानंद विशेष तौर पर मौजूद रहे। विजयानंद ने दूषित वातावरण में हो रहे संस्कारों के पतन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि समाज में तलाक, लड़ाई- झगड़े, माता-पिता का निरादर, बेटियों की असुरक्षा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसका नकारात्मक प्रभाव भावी पीढ़ी पर पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब हम भारतीय मूल्यों को अपने जीवन में उतारेंगे। नित्य भजन करना, ईश्वर का स्मरण करते हुए भोजन बनाना, सात्विक भोजन खाना, वाणी में मधुरता लाना, सादी वेशभूषा पहनना आदि को अपनाकर हम सामाजिक बुराइयों दूर रह सकते हैं।

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