पांच महीने में जालंधर की जिम इक्विपमेंट इंडस्ट्री में रही बूम, लॉकडाउन में दोगुणा कारोबार

जालंधर में आम दिनों में इंडस्ट्री अप्रैल से अगस्त तक करीब दस करोड़ का कारोबार करती थी। इस वर्ष लॉकडाउन के बीच इंडस्ट्री ने पांच महीनों में 20 करोड़ से अधिक कारोबार किया है। इसके और बढ़ने की उम्मीद है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 03:41 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 03:41 PM (IST)
पांच महीने में जालंधर की जिम इक्विपमेंट इंडस्ट्री में रही बूम, लॉकडाउन में दोगुणा कारोबार
अप्रैल से अगस्त तक जिम इक्विपमेंट की मांग में खूब बढ़ोतरी देखने को मिली।

जालंधर [कमल किशोर]। कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में लेदर, चप्पल, ऑटो पार्ट्स व हैंड टूल्स इंडस्ट्री का कारोबार बुरी तरह प्रभावित रहा है। दूसरी तरफ, जिम इक्विपमेंट कारोबार में बूम देखने को मिला है। अप्रैल से अगस्त तक की बात करें तो इंडस्ट्री के कारोबार में चालीस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आम दिनों में इंडस्ट्री अप्रैल से अगस्त तक करीब दस करोड़ का कारोबार करती थी। इस वर्ष लॉकडाउन के बीच इंडस्ट्री ने पांच महीनों में 20 करोड़ से अधिक कारोबार किया है। जिम बंद होने की वजह से घरेलू उपयोग के लिए जिम इक्विपमेंट की मांग अधिक रही।

अधिकतर लोगों ने शरीर को फिट रखने के लिए डंबल, लोहे की प्लेट्स, रॉड, होम जिम की डिमांड की। आम दिनों में इन उत्पाद के ऑर्डर प्रत्येक इंडस्ट्री के पास पांच से दस के करीब होते थे। लॉकडाउन के दौरान उन्हें औसतन बीस से तीस ऑर्डर मिले थे। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि अप्रैल से अगस्त तक जिम इक्विपमेंट की मांग में खूब बढ़ोतरी देखने को मिली। जिम खुलने के बाद भी ऑर्डर मिल रहे हैं।

नोवा फिटनेस जिम के एमडी सुमित शर्मा ने कहा कि अप्रैल से अगस्त तक इंडस्ट्री को चालीस प्रतिशत कारोबार बढ़ा था। इन पांच महीनों में डंबल, प्लेट्स, रॉड, इंक्लाइंड, डिक्लाइंड बेंच प्रेस, होम जिम की अधिक मांग थी। प्रत्येक इंडस्ट्री को ऑर्डर मिले थे।

स्पार्टन कंपनी के डायरेक्टर चिराग शर्मा ने कहा कि जिम खुलने के बावजूद भी लोगों में अभी कोविड वायरस का डर है। लोग जिम इक्विपमेंट उत्पाद की खरीदारी में रुचि दिखा रहे है। आने वाले दिनों में कारोबार बेहतर होने की उम्मीद है।

जिले में कुल 50 इंडस्ट्री, प्रतिवर्ष 170 करोड़ का कारोबार

बता दें कि जिले में 50 जिम इक्विपमेंट बनाने वाली इंडस्ट्री हैं जो प्रतिवर्ष 170 करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं। अप्रैल व मई के बीच इंडस्ट्री को पांच करोड़ के नए ऑर्डर मिले थे।

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