Jalandhar Teachers Protest: शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी के बाहर पुलिस और अध्यापकों में धक्का-मुक्की, शिक्षिका बेहोश

बीएड टेट पास अध्यापक दोपहर बाद शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी का घेराव करने निकल पड़े। बड़ी संख्या बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे अध्यापकों की परगट सिंह के घर के बाहर तैनात पुलिस मुलाजिमों जमकर धक्का-मुक्की भी हुई।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 04:42 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 04:42 PM (IST)
Jalandhar Teachers Protest: शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी के बाहर पुलिस और अध्यापकों में धक्का-मुक्की, शिक्षिका बेहोश
शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी का घेराव करने जाते हुए शिक्षक। पुलिस के साथ धक्का मुक्की में घायल शिक्षिका।

जेएनएन, जालंधर। महानगर में अध्यापकों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। सुबह से टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे बीएड टेट पास अध्यापक दोपहर बाद शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी का घेराव करने निकल पड़े। बड़ी संख्या बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे अध्यापकों की परगट सिंह के घर के बाहर तैनात पुलिस मुलाजिमों जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान एक महिला शिक्षक के बेहोश होने की खबर है। बाद में पुलिस प्रदर्शनकारी शिक्षकों को जीप में भरकर थाने ले गई। शाम को बीएड अध्यापकों ने मुख्यमंत्री से 29 अक्टूबर को शाम पांच बजे मीटिंग का समय मिलने पर शिक्षा मंत्री की कोठी के आगे से धरना हटा दिया। हालांकि जरनल बस अड्डे पर अध्यापकों का टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन जारी रहेगा।

शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी के पास प्रदर्शन कर रही एक शिक्षिका को बेहोश होने पर जीप में डालकर अस्पताल लेकर जाती हुई जालंधर पुलिस।

बता दें कि शिक्षक विभिन्न खाली पोस्टें भरने के लिए सुबह से जालंधर में प्रदर्शन कर रहे हैं। वीरवार सुबह उन्होंने बस स्टैंड के पास पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध जताया था। जब उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो उन्होंने शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी घेरने का निर्णय लिया। इसी बीच उनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस उन्हें जबरन जीप में भरकर अपने साथ ले गई है। 

मांगें नहीं मानी गईं तो जारी रहेगा संघर्ष

प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने कहा कि उन्होंने सीएम के साथ बैठक का आश्वासन मिलने के बाद शिक्षा मंत्री की कोठी का घेराव हटा दिया है। दूसरा गुट जरनल बस अड्डे पर डटा रहेगा। टंकी पर प्रदर्शन करने चढ़े साथी वहीं बने रहेंगे। वे तब तक नहीं उतरेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी करते हुए पोस्टें भरने को नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जाता। अगर किसी कारणवश बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल कर आता तो इससे भी तेज संघर्ष करने के लिये मजबूर होंगे।

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