जालंधर में किसानों ने डीसी ऑफिस का किया घेराव, लेकिन इस बार कृषि कानून नहीं.. कोई और है वजह
जालंधर के किसानों ने रिंग रोड और बाईपास के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल की ओर से डीसी ऑफिस का घेराव किया गया। किसानों ने जिला प्रशासन से जमीनों के मुआवजे की मांग रखी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। किसानों ने मांगों को लेकर संघर्ष तेज कर दिया है। पहले कृषि सुधार कानूनों को रद्द करवाने के लिए चल रहे संघर्ष के साथ साथ बिजली संकट को टालने के लिए भी किसान सड़कों पर उतरे थे। अब जालंधर के किसानों ने रिंग रोड और बाईपास के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल की ओर से डीसी ऑफिस का घेराव किया गया। किसानों ने जिला प्रशासन से जमीनों के मुआवजे की मांग रखी है।
किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें निर्धारित मुआवजा नहीं मुहैया करवा रही है। प्रधान सतवंत सिंह ने बताया कि रिंग रोड तथा बाईपास बढ़ाने के लिए कई किसानों की जमीन सरकार ने कब्जे में ले ली है । किसानों को निर्धारित मूल्य से भी कम मुआवजा मिल रहा है ।इस संबंध में जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया था परंतु इसके बावजूद सरकार अनदेखा कर रही है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को डीसी घनश्याम थोरी के साथ बैठक कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है ।अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरेंगे। इस मौके पर गुरपिंदर सिंह राणा, परमिंदर सिंह, सुरिंदर सिंह तथा मनजीत सिंह के अलावा यूनियन के अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।
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जालंधर। लोगों को बेहतर सेवाएं देने व भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर एसडीएम डा. जयइन्द्र सिंह ने वीरवार को तहसील कांप्लेक्स व ड्राइविंग ट्रैक पर छापेमारी की। बारादरी पुलिस टीम के साथ की गई छापेमारी के दौरान चार लोगों को राउंडअप भी किया गया। इनसे कुछ भी आपत्तिजनक न पाए जाने पर उन पर कार्रवाई नहीं की गई। जांच के बाद सभी को छोड़ दिया गया। उधर, एसडीएम की छापेमारी होते ही तहसील कांप्लेक्स में हड़कंप मच गया। डा. जयइंद्र सिंह ने कहा कि डीसी घनश्याम थोरी के निर्देशों पर ट्रांसपोर्ट विभाग से संबंधित सेवाओं का जायजा लेने के लिए चेकिंग मुहिम चलाई गई। सभी बूथों पर जांच की गई है। वहां मौजूद आम लोगों के साथ बातचीत भी की। एसीपी हरसिमरत सिंह बताते हैं कि चार लोगों के दस्तावेज जांच करने पर कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया था।