Kisan Andolan: कृषि कानून वापसी पर अमृतसर के गोल्डन गेट पर बजा ढोल, जालंधर में लड्डू बांट मनाई खुशी

कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद जालंधर के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान जत्थेबंदियों के सदस्यों ने लड्डू बांट कर इसकी खुशी मनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुकेश चंद्र ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 01:01 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 03:43 PM (IST)
Kisan Andolan: कृषि कानून वापसी पर अमृतसर के गोल्डन गेट पर बजा ढोल, जालंधर में लड्डू बांट मनाई खुशी
जालंधर में किसान जत्थेबंदियों के सदस्यों ने लड्डू बांट कर इसकी खुशी मनाई है।

जासं, जालंधर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद जालंधर के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान जत्थेबंदियों के सदस्यों ने लड्डू बांट कर इसकी खुशी मनाई है। शुक्रवार को विरसा विहार के बाहर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल, सिख तालमेल कमेटी तथा सिख संगठनों ने जमकर जश्न मनाया और लड्डू बांटे। किसानों ने सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को लड्डू खिलाए। वहीं, लोगों ने उन्हें बधाइयां दी। किसानों ने विरसा विहार में भंगड़ा भी डाला।

उधर, गुरनगरी अमृतसर में किसानों ने गोल्डन गेट के पास ढोल बजाकर खुशी का इजहार किया और लड्डू बांटे। किसानों ने प्रधानमंत्री की ओर से किए गए एलान को किसान संघर्ष की बड़ी जीत बताया है। इस दौरान अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी किसानों के साथ मिलकर कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले पर खुशी प्रकट की। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता गुरबचन सिंह चंबा ने लड्डू बांटे। भाकियू उगराहां ने भी ढोल बजाए। 

अमृतसर में लड्डू बांटकर खुशी मनाते हुए विभिन्न किसान जत्थेबंदियों के सदस्य।

इधर, जालंधर में यूनियन के प्रधान मनदीप सिंह समरा, यूथ प्रधान अमरजोत सिंह तथा प्रवक्ता कश्मीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानून रद करने की घोषणा की है। संसद में दोबारा बिल पास होने और अधिसूचना जारी होने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कमेटी के गठन के बाद ही किसान धरने से उठेंगे।

अमृतसर में कृषि कानून वापस लिए जाने पर नृत्य करके प्रसन्ना व्यक्ति करते हुए किसान।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एक साल पूरा होने पर किसानों के दर्द का पता चला। उन्होंने किसानों की जीत को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित किया है। उन्होंने इस जीत को बाबा जी की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष के दौरान 700 के करीब किसानों की मौत हुई है। उन्होंने उनके परिजनों को भी आर्थिक सहायता व नीतियों के अनुसार शहीदों को दी जाने वाली सुविधाएं देने की मांग रखी। इसके अलावा किसानों पर किए गए केस भी वापस लेने की बात कही।

उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए 1 साल पूरा होने वाला है। इस दौरान सभी किसान संगठन दिल्ली रवाना होंगे और वहां चल रहे संघर्ष का हिस्सा बनेंगे। इस मौके पर जत्थेदार जगजीत सिंह गाबा ने कहा कि किसानों को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर बड़ा तोहफा मिला है। इस मौके पर तेजिंदर सिंह प्रदेसी ,बलबीर सिंह ,पाला सिंह ,मोहनी सैम,हरजीत सिंह ,जसवंत सिंह ,अमन सिंह, पिंदा धालीवाल, बलवीर सिंह, निर्मल कौर, बलविंदर कौर ,जरनैल सिंह के अलावा किसान तथा धार्मिक संगठनों के अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसले का स्वागत किया 

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुकेश चंद्र ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल धरना जारी रहेगा। केंद्र सरकार की और से तीनों कृषि सुधार बिल वापस लेने की घोषणा को लेकर नोटिफिकेशन जारी करने तथा एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने के बाद धरना उठाया जाएगा । इस मामले को लेकर शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग रखी गई है।

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