जालंधर की एजूयूथ फाउंडेशन बनी कोरोना मरीजों का सहारा, तीन जगह किचन खोल पहुंचा रही खाना

एजुयूथ फाउंडेशन के सदस्य केवल कोरोना मरीजों को ही नहीं बल्कि उन लोगों तक भी घर का खाना निःशुल्क पहुंचा रहे हैं जिनके घर में काम करने के लिए कोई नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर इन्होंने अपने फोन नंबर दे रखे हैं जिन पर लोग इनके साथ संपर्क करते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 01:34 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 01:34 PM (IST)
जालंधर की एजूयूथ फाउंडेशन बनी कोरोना मरीजों का सहारा, तीन जगह किचन खोल पहुंचा रही खाना
कोरोना काल में जालंधर की एजूयूथ फाउंडेशन मरीजों की मदद में आगे आई है। जागरण

जालंधर [प्रियंका सिंह]। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और शहर में लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए एजूयूथ फाउंडेशन लोगों की मदद में आगे आई है। फाउंडेशन के सदस्य केवल कोरोना मरीजों को ही नहीं बल्कि उन लोगों तक भी घर का खाना निःशुल्क पहुंचा रहे हैं जिनके घर में काम करने के लिए कोई नहीं है। इतना ही नहीं उन माता-पिता के पास भी खाना पहुंचा रहे हैं जिनके बच्चे विदेश में हैं। संस्था पहले गरीब बच्चों तक पढ़ाई का सामान पहुंचाती थी। अब माहौल को देखते हुए वायरस से जूझ रहे लोगों और जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने का कार्य पिछले सप्ताह से शुरू किया है।

फाउंडेशन के साथ 14 से 15 युवा काम कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर इन्होंने अपने फोन नंबर दे रखे हैं जिन पर लोग इनके साथ संपर्क कर रहे हैं। शहर में तीन जगह इन्होंने अपना किचन खोला है, जहां से लोगों तक दोपहर का और शाम का खाना पहुंचाया जा रहा है। 

अर्बन एस्टेट में रहने वाले प्रोफेसर कमल सरताज सिंह ने अकेले ही पिछले साल कोविड-19 के दौरान इस संस्था की शुरुआत जरूरतमंद बच्चों तक पढ़ाई से संबंधित सामान जैसे कि कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल या फिर खाने के लिए पहुंचाने के मकसद से की थी। मौजूदा हालात को देखते हुए अब वह कोरोना के मरीज और जरूरतमंद लोगों तक खाना बनवा कर  भेज रहे हैं। अब फाउंडेशन के साथ शहर के 15 युवा भी जुड चुके हैं। इसमें कोई स्टूडेंट है तो कोई प्रोफेसर या फिर समाजसेवी।

शहर की तीनो भागों में बांट करते हैं काम

शहर को तीन भागों में बांट कर सबको अलग-अलग काम दिया गया है। अर्बन एस्टेट, गुरु तेग बहादुर नगर और फुटबॉल चौक के पास किचन बनाया गया है। जिसके पास जहां से भी खाने की मदद के लिए आवाज आती है वहां पर वहां पर खुद खाना लेकर पहुंच जाते हैं। शहर के कुछ और लोग भी इनके साथ जुड़कर कच्चा राशन की सेवा दे रहे हैं। कई घर के लोग रोटी बनाकर इन तक पहुंचा देते हैं तो कोई दाल बनाकर।

संक्रमितों की देखते हैं रिपोर्ट

कोरोना के मरीज खाने के लिए जब इनसे संपर्क करते है तब यह उनकी कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ उनका नाम, पता और पारिवारिक मेंबर की गिनती मंगवाते हैं। फिर उसी हिसाब से उनके पास खाना पहुंचाते हैं। जिसमें दोपहर का खाना 12 बजे के बाद और शाम का खाना 4 बजे के बाद पहुंचाया जाता है। खाने में दाल, रोटी, विभिन्न तरह की सब्जी, चावल और सलाद दिया जा रहा है। यह सारा खाना डिस्पोजेबल बर्तन में ही लोगों तक पहुंचाया जाता है। गुरकीरत सिंह, अमनदीप सिंह, गैरी चीमा, गुरकीरत संधू, परम गिल, हिम्मत सिद्धू, विशाल, नवीन और हरप्रताप ग्राउंड लेवल पर लोगों को जाकर खाना पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

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