Jalandhar CoronaVirus Effect: शादी समारोह पर बंदिश ने कारोबार की तोड़ी कमर, दुकानदारों को खाने के लाले

Jalandhar CoronaVirus Effect कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा शादी विवाह और अंतिम संस्कार पर 20 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है। इस कारण न तो लोग व्यापक स्तर पर शादी को लेकर खरीदारी कर रहे हैं और न ही पहले जैसा उत्साह बचा है।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:57 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:57 AM (IST)
Jalandhar CoronaVirus Effect: शादी समारोह पर बंदिश ने कारोबार की तोड़ी कमर, दुकानदारों को खाने के लाले
कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा शादी विवाह और अंतिम संस्कार पर 20 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है।

जालंधर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा शादी विवाह और अंतिम संस्कार पर 20 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है। इस कारण न तो लोग व्यापक स्तर पर शादी को लेकर खरीदारी कर रहे हैं और न ही पहले जैसा उत्साह बचा है। इसका असर सीधे रूप से कारोबार पर भी पड़ा है। इसी विषय को लेकर 'दैनिक जागरण' ने रविवार को शेखां बाजार के व्यापारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि बंदिशों से कारोबार प्रभावित हो रहा है। एक दुकान में 10 लोगों की उपस्थिति पर चालान काटने का नियम भी ठीक नहीं है। जिला प्रशासन को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। दुकानदार सभी तरह के टैक्स सरकार को ईमानदारी से देते हैं, ऐसे में सरकार का भी फर्ज बनता है कि वो व्यापारियों का ध्यान रखे।

शादी विवाह पर केवल 20 लोगों की उपस्थिति के नियम से लोगों में खरीदारी को लेकर उत्साह नहीं रहा है। यही कारण है कि लोग बाजारों में खरीदारी करने के लिए नहीं आ रहे हैं। सरकार को शादी विवाह पर लोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर राहत देनी चाहिए।

- राजेश अरोड़ा।

जिला प्रशासन द्वारा एक दुकान पर 10 से अधिक ग्राहक होने पर चालान काटने का प्रावधान तय किया गया है। इससे कारोबारी दहशत में है। जिला प्रशासन को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि उन्हें राहत मिल सके। सरकार उनका ध्यान नहीं रख रही है।

- यश अरोड़ा।

पहले कोरोना महामारी व फिर किसान आंदोलन, इसके बाद फिर से कोरोना की मार ने कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी है। व्यापारियों के लाखों रुपये के निवेश के बदले उन्हें बैंक की ब्याज दरों पर भी लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार को व्यापार को उत्साहित करने के लिए योजना लानी चाहिए।

- विकास साही 

एक समय था, जब प्रतिस्प्रर्धा के चलते बाजारों के दुकानदार लोगों को आवाजें लगाकर बुलाते थे। वहीं जब से दुकान पर 10 ग्राहकों की संख्या निर्धारित की गई है, तब से लेकर दुकान पर इस बात का ध्यान रहता है कि आने वाले ग्राहकों की संख्या इससे अधिक न हो।

- अमित कुमार।

प्रशासन के नियमों का सभी दुकानदार पालन करते हैं। चेहरे पर मास्क, शारीरिक दूरी और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के साथ-साथ दुकानदार और ग्राहक दोनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में सरकार को भी व्यापारियों के हित की बात करनी चाहिए।

-राजपाल सिंह

कोरोना काल के बाद कारोबार की गाड़ी पटरी पर नहीं आई है। व्यापारियों द्वारा भुगतान करना मुश्किल हो चुका है। ऐसे में सरकार द्वारा व्यापार को प्रोत्साहित करने के बजाय आए दिन नए नियम कानून लागू करके कारोबार को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।

- निखिल।

नाइट कर्फ्यू के कारण भी व्यापार प्रभावित हो रहा है। कफ्र्यू भले ही रात 9 बजे शुरू होता है, लेकिन दुकानों पर काम करने वाले सेल्समैन को समय पर घर भेजने के लिए एक घंटा पहले ही दुकानें बंद करनी पड़ रही है। दहशत के बीच कारोबार करना आसान नहीं है।

- साहिल।

मंदी के दौर से गुजर रहे दुकानदार कई बार दिन भर बोहनी भी नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना महामारी और सरकारी निर्देशों के चलते लोग जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अतिरिक्त खरीदारी नहीं कर रहे हैं। कारोबार की गाड़ी ट्रैक पर नहीं आ रही, जिससे वो परेशान हैं।

- पुनीत कुमार।

कोरोना काल के दौरान करीब ढाई महीने दुकानें बंद रखनी पड़ी थी। अब दुकानें खुलनी शुरू हुई तो नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया, जिससे कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार अगर व्यापारियों के हितों का ध्यान नहीं रखेगी तो उनकी सुनवाई कौन करेगा।

- हरीश कुमार।

दुकानों के बजाय भीड़भाड़ वाले इलाकों पर ज्यादा फोकस किए जाने की जरूरत है। कारण, दुकानदार सरकार के तमाम नियमों का पालन करते हैं, लेकिन मंडियों से लेकर सियासी गतिविधियों में भारी भीड़ उमड़ रही है। इस पर भी जिला प्रशासन ध्यान दे।

- हनी।

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