जालंधर में विज्ञापन ठेके को लेकर कांग्रेसी पार्षदों में बहसबाजी, पवन ने जस्सल को चुप कराया

जालंधर में विज्ञापन टेंडर को रद करने के मुद्दे पर कांग्रेस के पार्षदों में ही बहस होती रही। निगम कमिश्नर ने टेंडर रद करने के प्रस्ताव को पेंडिंग करने की सलाह दी थी लेकिन सभी पार्टियों के पार्षदों के एकजुट हो जाने के कारण इसे रद करना पड़ा।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 01:46 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 01:46 PM (IST)
जालंधर में विज्ञापन ठेके को लेकर कांग्रेसी पार्षदों में बहसबाजी, पवन ने जस्सल को चुप कराया
विज्ञापन ठेके में गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार अफसरों पर भी कार्रवाई होना तय है।

जालंधर, जेएनएन। माडल टाउन जोन का विज्ञापन ठेका तीन महीने विवादों में रहने के बाद आखिरकार रद कर दिया गया। निगम कमिश्नर ने टेंडर रद करने के प्रस्ताव को पेंडिंग करने की सलाह दी थी लेकिन सभी पार्टियों के पार्षदों के एकजुट हो जाने के कारण इसे रद करना पड़ा।

विज्ञापन टेंडर को रद करने के मुद्दे पर पहले तो कांग्रेस के पार्षदों में ही बहस होती रही और टकराव की स्थिति बन गई। पार्षद देसराज जस्सल ने मीटिंग शुरू होते ही हाउस में पीने के लिए पानी ना मिलने को मुद्दा बनाकर मेयर का विरोध शुरू कर दिया और कहा कि 3 साल तक टेंडर पर चुप क्यों रहे। जस्सल को लगातार बोलते देख पार्षद पवन कुमार ने विज्ञापन टेंडर और एग्रीमेंट की एक-एक शर्त की जानकारी दी और हाउस को बताया कि किस तरह से इस पूरे मामले में गड़बड़ी की गई है। कई पार्षद भी जस्सल के रवैए से भड़क गए तो जस्सल शांत हुए। बता दें कि जालंधर निगम के इतिहास में पहली बार सिंगल एजेंडा मीटिंग हुई है।

बता दें कि पार्षदों ने करीब सवा घंटे तक टेंडर की शर्तों पर चर्चा की और बताया कि अफसरों ने टेंडर की शर्तों को एग्रीमेंट में बदल दिया जिस कारण निगम को नुकसान उठाना पड़ा। हाउस में टेंडर रद करने के साथ ही विज्ञापन ठेके में गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार अफसरों पर भी कार्रवाई होना तय है। हाउस मीटिंग का बायकाट करने वाले मुलाजिमों को भी कारण बताओ नोटिस जारी होंगे। 

कोर्ट का हवाला देकर प्रस्ताव लंबित करने की कोशिश

निगम कमिश्नर ने मीटिंग की शुरुआत में यह तर्क दिया कि यह मामला अभी कोर्ट में है और अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होनी है। इसलिए उन्हें अभी हाउस में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। इससे कोर्ट की अवमानना होगी। पार्षद बचन लाल जो कि पेशे से एडवोकेट हैं, ने इस मामले पर हाउस में निगम कमिश्नर के साथ चर्चा की और कहा कि अगर मामला कोर्ट में है तो इसे पेंडिंग किया जा सकता है। मेयर भी कमिश्नर से सहमत थे कि मुलाजिमों को विज्ञापन ठेके की गड़बड़ी के मामले में जवाब देने के लिए एक महीना और दिया जाए लेकिन पार्षदों के तेवर तीखे थे। पार्षदों ने समय देने से इंकार कर दिया। इसके बाद कार्रवाई तय कर ली गई। पार्षदों ने कहा कि अगर समय आगे बढ़ाया गया तो कंपनी इस मामले में स्टे ला सकती है। मेयर ने जैसे ही प्रस्ताव पास करने की घोषणा की वैसे ही निगम कमिश्नर हाउस से चले गए। उनके अचानक जाने को लेकर कई तरह की चर्चा बनी रही।

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