Post Matric Scholarship Issue: कालेजों की प्रशासन को दो टूक, परीक्षाओं से पहले देनी होगी फीस
कासा के चेयरमैन अश्विनी सेखड़ी ने कहा कि हाई कोर्ट ने तीन महीने कालेजों को फंड जारी करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके सरकार ने पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति की राशि नहीं दी है। ऐसे में प्रशासन को कालेजों को धमकाने का कोई अधिकार नहीं है।
जालंधर, जेएनएन। डीसी के दखल के बाद भी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप का मुद्दा सुलझ नहीं रहा है। गत दिवस डीसी के साथ कालेज प्रिंसपलों की मीटिंग के बाद कनफेडरेशन आफ कालेज एंड स्कूल्स आफ पंजाब (कासा) ने स्पष्ट किया है कि परीक्षाओं से पहले विद्यार्थी या सरकार को फीस भरनी ही होगी। चेयरमैन अश्विनी सेखड़ी, अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि प्रशासन कानून के विपरीत काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अदालतों के नियम और निर्णय यह स्पष्ट करते हैं कि संस्थानों को एससी उम्मीदवारों से फीस लेने और छात्रों को सरकार से छात्रवृत्ति प्राप्त करने में सहायता करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने तीन महीने कालेजों को फंड जारी करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों से कालेजों को छात्रवृत्ति की राशि नहीं दी है। ऐसे में प्रशासन को कालेजों को धमकाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने अपना रवैया नहीं बदला तो राज्य सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की जाएगी। वे विद्यार्थियों को दाखिला देने के लिए तैयार हैं पर परीक्षाओं से पहले सरकार या विद्यार्थियों को फीस का भुगतान करना होगा।
कनफेडरेशन आफ पोलिटेक्निक एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन शर्मा, कनफेडरेशन आफ नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, कनफेडरेशन आफ डिग्री कालेज एसोसिएशन के अध्यक्ष तलविंदर सिंह राजू ने कहा कि अगर प्रशासन चाहता है कि कालेज एससी छात्रों को स्कालरशिप स्कीम के तहत दाखिला दे तो पहले पिछले वर्षों के पैसे सरकार से दिलवाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन कालेजों के हालात की अनदेखी कर रहा है। स्कालरशिप का पैसा ना आने से बहुत से कालेज पहले ही बंद हो चुके हैं और बाकी बंद होने की कगार पर हैं।
एक दिन पहले डीसी ने कालेजों के साथ बैठक कर स्कालरशिप मुद्दे को हल करने के लिए चर्चा की थी। इसमें कालेज प्रबंधकों ने कहा था कि जब तक स्कालरशिप का पैसा जारी नहीं होता तब तक वे विद्यार्थियों का दाखिला नहीं कर सकते। इसके बाद डीसी घनश्याम थोरी ने एडीसी जरनल जसबीर राय के नेतृत्व में कमेटी गठित कर कालेजों को चेतावनी दी थी कि अगर किसी भी कालेज ने विद्यार्थियों का दाखिल करने से मना किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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