जालंधर के इस ऐतिहासिक 'गुरु घर' में तीन दिन रुके थे श्री गुरु हरगोबिंद साहिब, देश-विदेश से दर्शन करने पहुंचती है संगत

श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी लगातार तीन दिन तक शहर के बस्ती शेख में स्थित ऐतिहासिक अस्थान गुरुद्वारा 6वीं पातशाही बस्ती शेख में रुके थे। श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने मुगलों के खिलाफ चार युद्ध लड़े थे। जिसके उपरांत उन्होंने बस्ती शेख में प्रवेश किया था।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:46 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 02:17 PM (IST)
जालंधर के इस ऐतिहासिक 'गुरु घर' में तीन दिन रुके थे श्री गुरु हरगोबिंद साहिब, देश-विदेश से दर्शन करने पहुंचती है संगत
ऐतिहासिक गुरुद्वारा 6वीं पातशाही बस्ती शेख के देश विदेश में विख्यात है।

जालंधर, [शाम सहगल]। मीरी पीरी के मालिक व छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी लगातार तीन दिन तक शहर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा 6वीं पातशाही बस्ती शेख में रुके थे। उस समय इस जगह भाई संदरां कुंदी रामगढ़िया परिवार रहता था। गुरु साहिबान के यहां पर चरण पड़े तो बाद में इस घर को 'गुरु घर' में परिवर्तित कर दिया गया। जो आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा 6वीं पातशाही बस्ती शेख के रूप में देश-विदेश में विख्यात है। इस पावन गुरु घर से जुड़ी हुई सबसे अहम बात यह है कि यहां पर गुरु साहिब तीन दिन तक ठहरे थे। इस दौरान उस समय के सूफी फकीर हजरत शेख दरवेश भी गुरु साहिब के समक्ष नतमस्तक हुए थे।

थड़ा साहिब पर सुशोभित है श्री गुरु ग्रंथ साहिब

गुरुद्वारा 6वीं पातशाही बस्ती शेख में जिस थड़ा पर श्री गुरु हरगोबिंद साहिब तीन दिन तक ठहरे थे, वहां पर इस समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया गया है। इस तरह से संगत गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ-साथ थड़ा साहिब के समक्ष भी नतमस्तक होती है। बताया जाता है कि थड़ा साहिब पर लोग दूर-दूर से मन्नतें मांगने भी आते हैं, जो पूरी होने पर विधिवत रूप से धार्मिक रस्में पूरी करते हैं।

1634 से जुड़ा है इतिहास

इस गुरुद्वारा साहिब का इतिहास 1634 से संबंध रखता है। गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष बेअंत सिंह सरहदी बताते हैं कि बंदी छोड़ के दाता व मीरी-पीरी के मालिक छठी पातशाही साहिब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने मुगलों के खिलाफ चार युद्ध लड़े थे। जिसमें फतेह हासिल भी की। गुरु महाराज ने चौथी जंग करतारपुर में 1634 में लड़ी थी। जिसके उपरांत उन्होंने गांव पाठोला से होते हुए बस्ती शेख में प्रवेश किया था। यहां पर चरण सेवक भाई संदरा कुंदी रामगढ़िया परिवार के घर में 3 दिन तक रहे। जिसकी मान्यता विश्व विख्यात है।

आंखों पर पट्टी बांध शेख ने किए थे दर्शन

जब गुरु साहब बस्ती शेख के इस घर में रुके थे, तो सूफी संत फकीर बाबा शेख दरवेश ने गुरु साहिब के दर्शन आंखों पर पट्टी बांधकर किए थे। जब मुगलों ने संत फकीर बाबा शेख से गुरु साहिब के यहां पर आने के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि सुना मैंने भी है पर देखा नहीं।

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