Corona Effect: तालाबंदी का शिकार हुई बस बॉडी फेब्रिकेशन इंडस्ट्री, तैयार खड़ी बसें भी नहीं ले जा रहे ग्राहक

तैयार हुईं अधिकतर बसें स्कूल बसें हैं जिन्हें ले जाने के लिए फिलहाल स्कूल संचालक भी राजी नहीं है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 03:57 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 03:57 PM (IST)
Corona Effect: तालाबंदी का शिकार हुई बस बॉडी फेब्रिकेशन इंडस्ट्री, तैयार खड़ी बसें भी नहीं ले जा रहे ग्राहक
Corona Effect: तालाबंदी का शिकार हुई बस बॉडी फेब्रिकेशन इंडस्ट्री, तैयार खड़ी बसें भी नहीं ले जा रहे ग्राहक

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। अरसे तक जालंधर की पहचान रही बस बॉडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री अब तालाबंदी का शिकार हुई नजर आ रही है। साल की शुरुआत में यूरो 6 चेसिस की वजह से काम प्रभावित रहा। मार्च में फैली कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण अब इंडस्ट्री तालाबंदी का शिकार हो गई है। सरकारी समेत निजी बस ऑपरेटर भी नई बसें बनवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जो बसें फैब्रिकेटर्स के पास तैयार खड़ी हैं, उन्हें लेने के लिए भी ऑपरेटर नहीं आए। तैयार हुईं अधिकतर बसें स्कूल बसें हैं, जिन्हें ले जाने के लिए फिलहाल स्कूल संचालक भी राजी नहीं है। फैब्रिकेटर्स के पास अब रिपेयर के लिए भी कोई बस नहीं आ रही है।

कोलैबोरेटिव एडवांस रिसर्च फॉर ट्रांसपोर्टेशन (सीएआरटी) के अध्यक्ष और अमर बॉडी बिल्डर्स के संचालक दविंदर सिंह बिट्टू ने कहा कि इंटर स्टेट बस ऑपरेशन बंद हैं, राज्य के भीतर भी चल रही बसों को पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। ऑपरेटर के पास बसें बिना यात्रियों के खड़ी हैं। स्कूल फिलहाल बंद हैं और स्कूल संचालकों को भी बस से ले जाने की कोई जल्दी नहीं है। इस कारण बस बॉडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री पर ताला लगा है। रिपेयर के लिए तो तभी कोई बस आएगी अगर बसों का संचालन होगा। जब बसें चल ही नहीं रही तो रिपेयर कहां से आ जाएगी।

नई बस खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा

अपर इंडिया कोच बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय खुल्लर ने कहा कि यूरो 6 की आहट के चलते काम तो बीते जनवरी माह से ही प्रभावित होना शुरू हो गया था। लॉकडाउन के बाद अब तो ताले ही लग चुके हैं। देश की प्रमुख बस चेसिस निर्माता कंपनियों की तरफ से यूरो 6 चेसिस बनाई ही नहीं जा रही हैं। कुछ एक कंपनियां बना रही हैं, लेकिन अब तो बस ऑपरेटर कोई काम न होने की वजह से नई बस खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री बेहद बुरे वक्त से निकल रही है और निकट भविष्य में कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है।

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