अब पुलों वाले हलके के तौर पर पहचाना जाएगा दो हिस्सों में बंट चुका विधानसभा क्षेत्र जालंधर सेंट्रल
जालंध सेंट्रल विधानसभा हलके में सबसे ज्यादा फ्लाईओवर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) होंगे। इनमें से कुछ पुल कंप्लीट हो चुके हैं। कुछ पर काम शुरू हो चुका है और कुछ की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जालंधर, मनुपाल शर्मा। कभी रेलवे लाइनों की वजह से दो हिस्सों में बंट चुका विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल अब पुलों वाले हलकों के तौर पर भी पहचाना जाएगा। सेंट्रल विधानसभा हलके में सबसे ज्यादा फ्लाईओवर, रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) होंगे। इनमें से कुछ पुल कंप्लीट हो चुके हैं। कुछ पर काम शुरू हो चुका है और कुछ की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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जालंधर छावनी-कटरा रेल खंड पर स्थित लद्देवाली और लाहौर-दिल्ली रेल खंड पर स्थित गुरु नानक पुरा एवं इसी रेलखंड पर स्थित पीएपी में रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लाहौर-दिल्ली रेल खंड पर तल्हण साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए परागपुर व जालंधर शहर-पठानकोट रेलखंड पर सूर्य एंक्लेव जाने के लिए रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) पहले ही बनाए जा चुके हैं। अब लाहौर-दिल्ली रेल खंड पर दकोहा में आरयूबी बनाए जाने की प्रक्रिया भी जोर-शोर से शुरू की गई है।
रामा मंडी और पीएपी में पहले ही फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुके हैं और यातायात के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल के विधायक राजेंद्र बेरी ने कहा कि रेलवे क्रासिंग बंद होने से लंबे ट्रैफिक जाम लगते थे, जिस वजह से लोगों का कीमती समय बर्बाद होता था। ईंधन के पैसे अलग से खर्च होते थे और कई बार तो अस्पताल पहुंचाए जाने वाले मरीजों की जान पर भी आफत आ जाती थी। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि आगामी एक वर्ष के भीतर तमाम रेलवे ओवर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज के काम को पूरा करवाए जा सकें।