अब 'सियासी टर्फ' पर दो हाकी ओलिंपियन की टक्कर, सोढी व परगट हो सकते हैं जालंधर कैंट में आमने-सामने
परगट सिंह जालंधर कैंट से से दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। दूसरी तरफ ओलिंपियन सुरेंद्र सिंह सोढ़ी आम आदमी पार्टी (आप) के जिला अध्यक्ष हैं। आगामी चुनाव में दोनों में टक्कर संभावित नजर आ रही है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। एक तरफ 1980 के मास्को ओलिंपिक में कुल 15 और फाइनल मैच में गोल्ड मेडल जीतने के लिए 2 अति महत्वपूर्ण गोल दागने वाले ओलिंपियन सुरेंद्र सिंह सोढी है तो दूसरी तरफ 1992 के बार्सिलोना और 1996 के अटलांटा ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम के कप्तान व दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर्स में शामिल ओलिंपियन परगट सिंह। जालंधर कैंट के दो दिग्गज हाकी खिलाड़ी कभी देश के लिए खेले, लेकिन 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में यह दोनों 'सियासी टर्फ' पर एक दूसरे के खिलाफ 'सियासी गोल' दागने के लिए जोर लगाते दिख सकते हैं।
परगट सिंह जालंधर कैंट से से दो बार (एक बार शिअद और दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर) विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। संभावना है कि वह तीसरी बार भी इस हलके से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ें। दूसरी तरफ ओलिंपियन सुरेंद्र सिंह सोढ़ी आम आदमी पार्टी (आप) जालंधर के जिला अध्यक्ष हैं और मंगलवार को आप ने उन्हें जालंधर कैंट हलका का प्रभारी नियुक्त किया है। उनकी इस नियुक्ति को उनके जालंधर कैंट से आप के उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि आप में किसी भी हलका प्रभारी की नियुक्ति उस हलके (विधानसभा क्षेत्र) के उम्मीदवार के रूप में ही समझी जाती है।
अगर यह दोनों खिलाड़ी कांग्रेस और आप की तरफ से एक ही हलके से चुनाव मैदान में उतारे जाते हैं तो मुकाबला रोचक होगा। रोचकता इस बात को लेकर भी होगी कि इस मुकाबले को लेकर हलके के मतदाताओं में मतदान को लेकर असमंजस की स्थिति जरूर रहेगी। कारण यह है कि कैंट हलके में हाकी खेल से जुड़े परिवार बड़ी संख्या में हैं। न केवल मतदाता इन दोनों उम्मीदवारों के संपर्क में हैं बल्कि दोनों संभावित उम्मीदवार भी इन परिवारों के सीधे संपर्क में हैं। फिलहाल कांग्रेस और आप ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है परंतु यदि दोनों पार्टियां परगट सिंह और सुरेंद्र सिंह सोढ़ी पर दांव लगाती हैं तो जालंधर कैंट की सीट पंजाब विधानसभा चुनाव में दिलचस्प हो जाएगी। खेल जगत की नजरें इस सीट के चुनाव परिणाम पर टिकी रहेंगी।
दोनों ने हाकी खेली और पंजाब पुलिस में भी रहे
परगट सिंह और सुरेंद्र सिंह सोढी में ओलिंपियन होने के साथ ही एक समानता और भी है। दोनों पंजाब पुलिस के अधिकारी भी रह चुके हैं। सुरेंद्र सिंह सोढ़ी आइपीएस बने और आइजी के पद से रिटायर हुए जबकि परगट सिंह ने पीपीएस अधिकारी रहते हुए पंजाब पुलिस को अलविदा कह दिया था।