ईदगाह का मामला जालंधर कैंट बोर्ड में ठंडा पर दिल्ली में गर्माया, गिर सकती है अधिकारियों पर गाज
कैंट के स्टेशन ईदगाह में कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था। कैंट के कुछेक लोगों के कड़े विरोध के चलते काम को रोकना पड़ गया। इस मामले को दिल्ली में बैठे अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है।
जालंधर छावनी, जेएनएन। कैंट के हरदयाल रोड पर स्थित स्टेशन ईदगाह में मस्जिद बनाने को लेकर चला आ रहा मामला बेशक कैंटोनमेंट बोर्ड में ठंडा पड़ गया हो लेकिन दिल्ली के आलाकमान के दरबार में गर्माया हुआ है। ऐसा लगता है कि इसकी गाज कैंट बोर्ड के किसी अधिकारी पर गिर सकती है।
गौरतलब है कि कैंट के स्टेशन ईदगाह में कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था। कैंट के कुछेक लोगों के कड़े विरोध के चलते काम को रोकना पड़ गया। बताया जा रहा है कि कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने स्टेशन ईदगाह की जमीन, जिसकी लीज पिछले 50 वर्ष से खारिज पड़ी है, को नजरअंदाज करते हुए जमीन का मोटेशन इंतकाल किसी मुस्लिम व्यक्ति के नाम चढ़ा दिया। स्टेशन ईदगाह में मस्जिद बनाने के लिए उसका नक्शा भी पास कर दिया। जब इस बात की भनक कैंट के कुछ व्यक्तियों को लगी तो उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से इसका सीईओ के समक्ष कड़ा विरोध किया। मामला बढ़ता देख सीईओ ज्योति कुमार ने ना केवल बनते निर्माण को गिराया बल्कि काम को रोकने बाबत नोटिस भी जारी कर दिया।
कैंट के ओमप्रकाश और भाजपा नेता अजय कुमार, भाजपा नेता रामअवतार अग्रवाल ने कहा कि जब पिछले 100 वर्ष से ईदगाह के भीतर कोई निर्माण नहीं था तो कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने अंदर निर्माण कराने बाबत नक्शा कैसे पास किया। उन्हें बनाने की इजाजत कैसे दी गई जबकि किसी भी धर्म के स्टेशन की जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं हो सकता। सूत्र बताते हैं कि इस मामले को दिल्ली में बैठे अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। अनुमान लगाया जाता है कि इसकी गाज कैंट बोर्ड के किसी भी अधिकारी पर गिर सकती है। ऊंट किस करवट बैठता है यह आने वाला समय ही तय करेगा। इतना अवश्य है कि आने वाले समय में स्टेशन ईदगाह का मामला अवश्य सुर्खियों में आएगा।