भूमि अधिग्रहण को NHAI ने ट्रांसफर किए 77 करोड़, वितरित हुए मात्र 14 करोड़, रुका जालंधर बाईपास का निर्माण

नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया की तरफ से जयपुर की कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी को जालंधर बाईपास के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है लेकिन साइट उपलब्ध न हो पाने की वजह से निर्माण शुरू नहीं हो रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:51 AM (IST)
भूमि अधिग्रहण को NHAI ने ट्रांसफर किए 77 करोड़, वितरित हुए मात्र 14 करोड़, रुका जालंधर बाईपास का निर्माण
जालंधर बाईपास के निर्माण के लिए 40 गांवों में लगभग 377 हेक्टयर रकबे का अधिग्रहण किया गया है। सांकेतिक चित्र।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। राजस्व विभाग की तरफ से एकाएक जमीन अधिग्रहण मुआवजा वितरण रोके जाने से जालंधर बाईपास का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) की तरफ से पंजाब सरकार के राजस्व विभाग को लगभग 77 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के तौर पर ट्रांसफर किए जा चुके हैं, लेकिन विभाग अब तक मात्र 14 करोड ही वितरित कर सका है। करतारपुर के नजदीक गांव काहलवां से शुरू होकर नकोदर रोड स्थित गांव कंग साबू तक जाने वाले इस बाईपास को बनाने के लिए लगभग 40 गांवों के लगभग 377 हेक्टयर रकबे का अधिग्रहण किया गया है।

महानगर को अमृतसर, जम्मू और होशियारपुर की तरफ से आने वाले ट्रैफिक के लोड से राहत दिलाने के लिए बनाए जा रहे जालंधर बाईपास के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा वितरित करने के लिए एनएचएआई ने गत जून में ही जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) के खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया था।

एनएचएआइ से प्राप्त जानकारी के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाने हैं। हालांकि एनएचएआइ के नियमों के मुताबिक ट्रांसफर किए गए पैसे में से 50 फीसद का वितरण हो जाने से पहले और मुआवजा राशि राजस्व विभाग के खाते में ट्रांसफर ही नहीं की जा सकती है। एनएचएआइ अधिकारियों का कहना है कि जब तक किसानों को उनकी अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा, वे जमीन को बाईपास निर्माण के लिए नहीं सौंपेंगे। एनएचएआई की तरफ से जयपुर की कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी को बाईपास निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है, लेकिन साइट उपलब्ध न हो पाने की वजह से निर्माण शुरू नहीं हो रहा है।

सिक्स लेन जालंधर बाईपास का निर्माण हो जाने के बाद अमृतसर, जम्मू कश्मीर एवं होशियारपुर से आ रहा ट्रैफिक दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान आदि राज्यों के लिए जाने के लिए जालंधर शहर में प्रवेश नहीं करेगा। यह ट्रैफिक बाईपास से ही गुजर जाएगा। वजह यह है कि अमृतसर से आ रहा ट्रैफिक काहलवां से, पठानकोट जा रहा ट्रैफिक जालंधर से लगभग 10 किलोमीटर पहले और होशियारपुर से आ रहा ट्रैफिक मदारा के नजदीक से बाईपास पर डायवर्ट हो जाएगा और खजूरला के नजदीक जालंधर-दिल्ली हाईवे को भी क्रॉस करेगा। बार-बार कोशिश किए जाने के बावजूद जालंधर के जिला राजस्व अधिकारी परमजीत सिंह सहोता से संपर्क संभव नहीं हो सका है।

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