Jalandhar Weekend Curfew: सरकारी बसों में मात्र 10 फीसद सवारी, निजी बसें भी कम संख्या में चली
शनिवार को वीकेंड लॉकडाउन के कारण जालंधर बस बस्टैंड के टर्मिनल पर मात्र 20 फीसद काउंटरों के ऊपर ही बसें नजर आईं। जालंधर के बाहरी जिलों से संबंधित कुछेक निजी बसें जरूर संचालित हुई लेकिन इनमें भी यात्रियों की संख्या बेहद कम ही रही।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लगाए जा रहे सप्ताहिक कर्फ्यू के चलते शनिवार को बस स्टैंड और बसों में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया। दिन भर में बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 10 फीसद के लगभग ही रही। निजी बस ऑपरेटरों की तरफ से बेहद कम संख्या में बसों का संचालन किया गया, जबकि सरकारी बसों का संचालन भी 50 फीसद से कम ही रहा।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर मात्र 20 फीसद काउंटरों के ऊपर ही बसें नजर आईं। अधिकतर पंजाब रोडवेज पनबस या पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) से संबंधित थी। जालंधर के बाहरी जिलों से संबंधित कुछेक निजी बसें जरूर संचालित हुई, लेकिन इनमें भी यात्रियों की संख्या बेहद कम ही रही। अलसुबह के समय और शाम के समय चली बसों में यात्रियों की संख्या दिन की अपेक्षा में कुछ ज्यादा थी। दोपहर में यात्रियों की कमी के चलते बसें लगभग खड़ी ही हो गईं। पंजाब रोडवेज जालंधर-1 के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा कि यात्रियों की संख्या के मुताबिक ही सरकारी बसों का संचालन दिन भर किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि बिना यात्रियों की बसों को रूट पर चलाने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि रविवार को भी यात्रियों की संख्या के मुताबिक की बसों का संचालन किया जाएगा।
अवैध बसों का संचालन कर्फ्यू में भी जारी
हालांकि कर्फ्यू के चलते चाहे पंजाब के भीतर यात्री बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा है और इंटर स्टेट बस संचालन भी बंद पड़ा हुआ है। बावजूद इसके पंजाब से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान आदि के लिए अवैध बसों का संचालन कर्फ्यू में भी शनिवार को धड़ल्ले से जारी रहा। बस स्टैंड के सामने स्थित फ्लाईओवर के नीचे से और पीएपी चौक से अन्य राज्यों से संबंधित यात्री लेकर बसें रवाना होती रही।