जालंधर भाजपा का मेयर राजा और कमिश्नर शर्मा पर हमला, कहा- विज्ञापन के लिए यही दोनों जिम्मेदार
जालंधर में भाजपा नेताओं ने कहा कि अधिकारियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि विज्ञापन घोटाले का मुद्दा उठाने वाली विज्ञापन एडहाक कमेटी की चेयरपर्सन नीरजा जैन पर अदालत में केस कर दिया गया ताकि वह डर के कारण आवाज बुलंद न कर सके।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पूर्व मेयर सुनील ज्योति और भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया है कि विज्ञापन ठेके में घोटाला सामने आने के बाद भी ठेका रद ना होना यह स्पष्ट करता है कि मेयर जगदीश राजा और निगम कमिश्नर करनेश शर्मा ही इसके लिए सीधे जिम्मेवार हैं। इससे न सिर्फ भ्रष्ट अफसरों को बचाया जा रहा है बल्कि करप्शन की जड़ें मजबूत की जा रही हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मेयर ज्योति, जिला भाजपा प्रधान सुशील शर्मा, निगम में विपक्ष के डिप्टी नेता वरेश मिंटू ने कहा कि बेहद हैरानी की बात है कि पांच महीने पहले हाउस ने विज्ञापन का ठेका रद करने का प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजा था लेकिन सरकार प्रस्ताव को मंजूर नहीं कर रही। इससे साफ है कि दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि जिस मामले में करोड़ों का घपला हुआ हो और उसका प्रस्ताव निगम हाउस ने पास करके भेजा हो उसे मंजूरी न मिलना अपने आप में भ्रष्टाचार को उजागर करता है। अधिकारियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि विज्ञापन घोटाले का मुद्दा उठाने वाली विज्ञापन एडहाक कमेटी की चेयरपर्सन नीरजा जैन पर अदालत में केस कर दिया गया ताकि वह डर के कारण आवाज बुलंद न कर सके। मेयर और कमिश्नर ने पार्षद पर हुए केस को वापस करवाने का प्रयास तक नहीं किया।
उन्होंने हैरानी प्रकट की कि शहर में घटिया सड़कें बनाई जा रही हैं जोकि मामूली बरसात के कारण टूट रही हैं और जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। सोढल से दोआबा चौक, प्रीत नगर रोड के अलावा कपूरथला रोड पर गड्ढे पड़े हुए हैं जबकि शहर की अन्य सड़कें भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में चालू हुए प्रोजेक्ट जिनमें स्ट्रीट वेंडर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, अभी तक शुरू नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि शहर के 12500 स्ट्रीट वेंडर रजिस्टर किए गए थे व उनके लिए स्थानों की निशानदेही भी हुई थी लेकिन आज तक कोई स्ट्रीट वेंडरों को अभी तक जगह मुहैया नहीं करवाई जा सकी।
उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध वसूली का काम जारी है जिस कारण स्ट्रीट वें¨डग स्कीम लागू नहीं की जा रही। स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट एक हजार एकड़ जमीन पर आधुनिक किस्म का शहर बसाने के लिए लाया गया था, लेकिन मेयर व कमिश्नर ने इस प्रोजेक्ट को गलियों व नालियां बनाने तक ही रखा व इसके नाम पर भ्रष्टाचार को उत्साह किया गया है। अधिकतर पार्षदों व विधायकों को तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बारे में कोई जानकारी तक नहीं है और वे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी नुमाइंदगी व एनओसी देने की बातें कर रहे हैं।
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