Rawan On Sale: दशहरा पर आर्डर नहीं मिले तो जालंधर के कारीगर ने दशानन सेल पर लगाए, 100 से 250 रुपये कीमत

जालंधर के सेट्रल टाउन में कारीगर को जब आर्डर कम मिले तो उसने 6-7 फीट के रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुलते बनाकर सेल पर लगा दिए। इनकी कीमत भी बहुत कम रखी गई थी। केवल 100 रुपये से लेकर 250 रुपये तक। लोगों को ये खूब पसंद आए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 10:36 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 10:54 AM (IST)
Rawan On Sale: दशहरा पर आर्डर नहीं मिले तो जालंधर के कारीगर ने दशानन सेल पर लगाए, 100 से 250 रुपये कीमत
जालंधर के सेंट्रल टाउन में लगी रावण के पुतलों की सेल। फोटो - विजय शर्मा

विजय शर्मा, जालंधर। सेल... सेल... सेल... रावण आन सेल। आपने पहले कभी 'रावण' को सेल पर लगे हुए नहीं देखा होगा। यहां जालंधर के सेट्रल टाउन में एक कारीगर को जब आर्डर कम मिले तो उसने 6-7 फीट के रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुलते बनाकर सेल पर लगा दिए। इनकी कीमत भी बहुत कम रखी गई थी। केवल 100 रुपये से लेकर 250 रुपये तक। लोगों, खासकर बच्चों को दशानन, कुंभकरण और मेघनाथ ये छोटे पुतले खूब पसंद आए हैं। 

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण जालंधर के पुतले बनाने वाले कारीगरों को लगातार दूसरे आर्डर नहीं के बराबर मिले हैं। जहां कई कारीगर मायूस होकर दूसरे काम करने लगे वहीं पुतला बनाने वाले सुशांत ने दूसरा तरीके पर काम किया। उन्होंने बड़े पुतलों के बजाय छोटे पुतले बनाने पर ध्यान दिया। उन्होंने नगर निगम आफिस के पीछे सेंट्रल टाउन में रावण के पुतलों की सेल लगाई हुई है। इन्हें खरीदने को लेकर विशेष तौर पर बच्चों में खासा क्रेज देखा जा रहा है।

जालंधर में सीमित स्तर पर दशहरा सेलिब्रेशन

कोरोना के कारण इस बार भी जालंधर में दशहरा बड़े स्तर पर नहीं मनाया जा रहा है। केवल 6 स्थानों पर रावण दहन किया जा रहा है। सबसे बड़ा 60 फीट का रावण आदर्श नगर में जलाया जाएगा। लगातार दूसरे साल साईं दास स्कूल ग्राउंड, बर्ल्टन पार्क, और गवर्नमेंट ट्रेनिंग कालेज मैदान में रावण दहन नहीं होगा। पूर्व में यहां बड़े स्तर पर दशहरा मनाया जाता रहा है। 

बड़े कारीगर बिक्री न होने से मायूस

महानगर में बड़े स्तर पर दशहरा सेलिब्रेशन न होने के कराण कई पुतला बनाने वाले कारीगर मायूस हैं। कारीगर संजीवन लाल के मुताबिक उनका कारोबार लगातार दूसरे साल चौपट हो गया। बहुत कम कमेटियों ने आर्डर देकर पुतले बनवाए हैं। कोरोना से पहले के वर्षों में वह 300 तक पुतले बेच लेते थे लेकिन इस बार 60 फीट के 100 पुतले भी नहीं बिक पाए हैं।  

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