जालंधर के एपीजे कालेज की वर्कशाप में स्टूडेंट्स ने जाने वेस्ट मटीरियल से डिजाइन करने के नए तरीके
जालंधर में एपीजे कालेज आफ फाइन आर्ट्स की वर्कशाप में चीफ स्पीकर हेमलता ने बताया कि कैसे हम काम में ना आ सकने वाले गत्ते के डिब्बों को फर्नीचर बैग्स प्लास्टिक कम कीमत वाले सैनेटरी पैड्स के लिए प्रयोग में ला सकते हैं।
जालंधर, जेएनएन। एपीजे कालेज आफ फाइन आर्ट्स में सोशल इंटरप्राइज बिजनेस प्लान पर हुई वर्कशाप में स्टूडेंट्स ने वेस्ट मैटीरियल से डिजाइन बनाने के नए तरीके सीखे। चीफ स्पीकर हेमलता ने बताया कि कैसे हम काम में ना आ सकने वाले गत्ते के डिब्बों को फर्नीचर, बैग्स, प्लास्टिक, कम कीमत वाले सैनेटरी पैड्स के लिए प्रयोग में ला सकते हैं। इन वस्तुओं का इस्तेमाल करने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
उन्होंने डिजाइनर्स को ज्यादा से ज्यादा बायोडिग्रेडेबल और वातावरण को सुरक्षित रखने वाले चीजों का इस्तेमाल करने को कहा। उन्होंने कहा कि डिजाइन विभाग के स्टूडेंट्स समय की नजाकत को समझें और नए-नए आइडिया पर काम करें। वे डू गुड-बी गुड को ध्यान में रखते हुए बिजनेस प्लान बनाएं क्योंकि इस विचार के साथ आगे बढ़ने पर खुद ब खुद बेहतर आइडिया आएंगे और नए-नए डिजाइन बनेंगे। इस तरह के छोटे-छोटे प्रयास से हम पर्यावरण संरक्षण में भी बहुमूल्य योगदान देते रहेंगे।
इस मौके पर प्रिंसिपल डा. नीरजा ढींगरा ने कहा कि डिजाइनर्स अपने सामाजिक सरोकारों को निभाते हुए ऐसे डिजाइन बनाना चाहिए जिनसे पर्यावरण का संरक्षण हो। साथ ही, समाज को भी लाभ पहुंचे। इस वर्कशाप का भी यही मकसद है। इस वर्कशाप की सफलता के लिए उन्होंने डिजाइन विभाग की अध्यक्ष रजनी गुप्ता के प्रयास की सराहना की।
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