पंचतत्व में विलीन हुए अंतरराष्ट्रीय रेसलर देवानंद, जालंधर में नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

जालंधर के हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में अंतरराष्ट्रीय रेसलर देवानंद का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार व कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। अमृतसर में उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:16 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 05:16 PM (IST)
पंचतत्व में विलीन हुए अंतरराष्ट्रीय रेसलर देवानंद, जालंधर में नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
जालंधर के हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में अंतरराष्ट्रीय रेसलर देवानंद को नम आंखो से अंतिम विदाई दी गई।

जालंधर, जेएनएन। लगातार दो दशक तक नेशनल चैंपियन रहने वाले जालंधर के मिट्ठू बस्ती के अंतरराष्ट्रीय रेसलर देवानंद मंगलवार को  हो गए। शहर के हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में देवानंद का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके उनके परिवार व कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। देवानंद की अमृतसर में शादी समारोह से लौटते समय सड़क हादसे में मौत हो गई थी। देवानंद 20 साल तक नेशनल चैंपियन रहे। उनका नाम जाने-माने पहलवानों में लिया जाता रहा है।

रेसलर देवानंद 10 बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक भी जीत चुके हैं। एशियन गेम्स में भागीदारी कर देश का नाम रोशन करने वाले देवानंद हाल ही में एयरफोर्स में मास्टर वारंट अफसर के पद से रिटायर्ड हुए थे। वे एयरफोर्स की तरफ से भी खेलते रहे हैं। देवानंद के भाई रंजीत सिंह एक रेस्लिंग कोच हैं। उन्होंने बताया कि देवानंद एक एनर्जिक खिलाड़ी थे।

देवानंद का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता हरबंस सिंह मजदूरी करते थे। 1982 में उन्होंने करियर शुरू किया और हंसराज स्टेडियम में कोच भजन सिंह से ट्रेनिंग ली। देवानंद अपने समय में स्पोर्ट्स कालेज में कुश्ती प्रतियोगिता को देखने के साथ-साथ पहलवानों का अभ्यास भी देखते थे। धीरे-धीरे उनका ध्यान कुश्ती की तरफ बढ़ने लगा और पहलवानों की परफारमेंस देखकर खुद भी पहलवान बनने का सपना मन में संजो लिया। देवानंद के घर के हालात कुछ बेहतर नहीं थे लेकिन बावजूद इसके पिता ने कड़ी मेहनत करके बेटे के सपनों को पंख लगाने का काम किया।

जालंधर कुश्ती संस्था के प्रधान पद्मश्री करतार सिंह व महासचिव पवन ने देवानंद की अचानक मृत्यु पर गहरा शोक जताते कहा कि देवानंद पहलवान के साथ-साथ एक अच्छे इन्सान थे। वे हमेशा युवा पहलवानों के हमेशा प्रेरणास्नोत रहेंगे।

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